भारत-पाकिस्तान के बीच नागरिक और मछुआरों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया जारी, पाकिस्तान के जेलों में 49 भारतीय और 217 मछुआरे कैद

भारत और पाकिस्तान के बीच कांसुलर एक्सेस समझौते के तहत बुधवार को दोनों देशों ने एक-दूसरे को अपनी हिरासत में मौजूद नागरिकों और मछुआरों की सूची सौंपी। इस सूची के मुताबिक, पाकिस्तान की जेलों में 49 भारतीय नागरिक और 217 भारतीय मछुआरे बंद हैं। वहीं, भारत ने पाकिस्तान की हिरासत में 381 नागरिक कैदियों और 81 मछुआरों के नाम साझा किए हैं। यह सूची दोनों देशों के बीच हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को आदान-प्रदान की जाती है, जैसा कि कांसुलर एक्सेस 2008 पर किए गए द्विपक्षीय समझौते में प्रावधान है।
कांसुलर एक्सेस समझौते के तहत आदान-प्रदान
भारत और पाकिस्तान के बीच यह आदान-प्रदान दोनों देशों के राजनयिक चैनलों के माध्यम से किया गया। कांसुलर एक्सेस समझौते के तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि दोनों देशों के कैदी, चाहे वे नागरिक हों या मछुआरे, उन्हें अपने देश के कांसुलर से संपर्क करने का अधिकार हो। यह कदम दोनों देशों के नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए उठाया जाता है, और इसका उद्देश्य यह भी है कि दोनों देशों के कैदियों को जल्दी से अपने देश लौटने का मौका मिले।
भारत ने पाकिस्तान से रिहाई की अपील की
भारत ने पाकिस्तान से अपनी हिरासत में मौजूद नागरिक कैदियों और मछुआरों को शीघ्र रिहा करने की अपील की है। भारत सरकार का कहना है कि पाकिस्तान से 183 भारतीय नागरिकों और मछुआरों को रिहा किया जाए, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है। इसके अलावा, भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान को उन 18 नागरिक कैदियों और मछुआरों को कांसुलर एक्सेस देना चाहिए, जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय हैं, लेकिन अब तक उन्हें यह सुविधा नहीं मिली है।
भारत का कहना है कि पाकिस्तान को सभी भारतीय नागरिकों और मछुआरों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना चाहिए, जब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाता और वे भारत वापस नहीं लौटते। भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान को इन कैदियों के साथ उचित व्यवहार करना चाहिए और उनकी रिहाई में तेजी लानी चाहिए, ताकि वे जल्द ही अपने देश लौट सकें।
भारत-पाकिस्तान के संबंधों में कांसुलर एक्सेस की अहम भूमिका
यह आदान-प्रदान 2014 से नियमित रूप से हो रहा है, जब से दोनों देशों ने कांसुलर एक्सेस समझौते का पालन शुरू किया। अब तक इस प्रक्रिया के तहत कई भारतीय मछुआरों और नागरिकों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है। सरकारी प्रयासों की बदौलत 2014 से अब तक 2,639 भारतीय मछुआरों और 71 नागरिक कैदियों को पाकिस्तान से स्वदेश लौटाया गया है। सिर्फ 2023 में 478 मछुआरे और 13 नागरिक कैदी पाकिस्तान से वापस लौटे थे।
भारत सरकार इस प्रक्रिया में और तेजी लाने के लिए लगातार पाकिस्तान से संपर्क कर रही है, ताकि जितनी जल्दी हो सके, भारतीय नागरिकों और मछुआरों को रिहा किया जा सके। पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय कैदियों की सुरक्षा बनी रहे, और वे जल्द से जल्द अपनी मातृभूमि लौट सकें।
पाकिस्तान से रिहाई की प्रक्रिया में देरी
पाकिस्तान की जेलों में भारतीय नागरिकों और मछुआरों की लंबी संख्या को लेकर भारत ने चिंता जताई है। यह कहा गया है कि पाकिस्तान को उन कैदियों की रिहाई में तेजी लानी चाहिए, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। इसके साथ ही, पाकिस्तान से अपील की गई है कि वह उन भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द रिहा करे, जिनके बारे में पाकिस्तान को शक है कि वे भारतीय हैं, और जिनकी रिहाई में अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है।

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