हर कोई अपने घर की सुख शांति के लिए कई पूजा-पाठ को महत्व देते हैं। घर की सुख-शांति के लिए पूजा या हवन करने से घर का वातावरण शुद्ध होता है साथ ही घर का वास्तुदोष भी दूर होता है। आपने देखा होगा जब भी घर में पूजा या हवन कराया जाता है तो उसके बाद पंचामृत का भोग भगवान को लगाया जाता है। सभी जानते हैं कि पंचामृत बनाने के लिए दूध, दही, तुलसी के पत्ते, शहद और गंगाजल को काम में लिया जाता है और इन सभी चीजों को मिलाकर पंचामृत बनाया जाता है।
शास्त्रो में पंचामृत का बहुत बड़ा महत्व हैं कहते हैं कि पंचामृत अकाल मृत्यु से रक्षा करता है और हमारे स्वास्थ्य को भी सही रखता है। अगर पूजा या हवन के बाद पंचामृत का सेवन करते हैं तो आपकी पूजा सफल और सकारात्मक ऊर्जा देने वाली होगी।
बताया जाता है कि जो इंसान सच्चे मन से पंचामृत का सेवन करते हैं तो आपके सभी दुखों का अंत होता है साथ ही सभी सुखों की प्राप्ति भी आपको होगी और वह जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। बता दें कि जब भी आप पंचामृत का पान करें तो इस विशेष मंत्र का जाप जरुर करें-
ॐ माता रुद्राणां दुहिता वसूनां, स्वसादित्यानाममृतस्य नाभिः ।
प्र नु वोचं चिकितुषे जनाय, मा गामनागामदितिं वधिष्ट ।।