मणिपुर में हिंसा की स्थिति अब एक नई दिशा में बढ़ रही है। शुक्रवार को बिष्णुपुर जिले में 10 घंटे के भीतर दो रॉकेट हमले हुए। इसी दिन रात को बिष्णुपुर और इंफाल ईस्ट जिलों में कई ड्रोन भी देखे गए, जिससे स्थानीय लोग डर के मारे रात भर अपने घरों की लाइटें बंद करने को मजबूर हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उग्रवादियों ने पूर्व मुख्यमंत्री मैरेमबाम कोइरेंग के घर समेत दो स्थानों पर रॉकेट दागे। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच लोग घायल हुए, जिनमें एक 13 साल की लड़की भी शामिल है।
मणिपुर सरकार ने इस घटना के बाद स्कूलों को बंद करने का आदेश दे दिया है। यह पहला मामला है जब मणिपुर में 17 महीने के संघर्ष के दौरान रॉकेट का इस्तेमाल हुआ है। पुलिस और सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इलाके के पहाड़ी क्षेत्रों में तलाशी अभियान चलाया और उग्रवादियों के तीन बंकर नष्ट कर दिए। इसके अलावा, हवाई निगरानी के लिए सैन्य हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं और सुरक्षा की स्थिति पर उच्च स्तरीय बैठकें की जा रही हैं।
ड्रोन और रॉकेट हमलों से लोगों में दहशत फैल गई है। इंफाल वेस्ट जिले के नारायणसेना, पुखाओ, दोलाईथाबी और शांतिपुर क्षेत्रों में इन हमलों ने घबराहट पैदा कर दी है। सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन फायरिंग किसकी ओर से की गई थी, यह स्पष्ट नहीं है।
कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी ने इस स्थिति पर नाराजगी जताई है और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। 1 सितंबर को मणिपुर के कोत्रुक गांव में ड्रोन का पहला बार हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हुए। स्थिति को देखते हुए, कमेटी ने इसे कुकी समुदाय की आक्रमता में इजाफा बताया है।