नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इसके बाद से दोनो देशों में तनाव बढ़ा हुआ हे। इस बीच केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश का बंटवारा आधुनिक भारत की सबसे बड़ी भूल थी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की महत्वाकांक्षा की वजह से ही देश बंटा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि बंटवारा नहीं हुआ होता तो आज जैसे जम्मू-कश्मीर पर चर्चा होती है वैसी चर्चा ही नहीं होती।
राजधानी दिल्ली में विश्व हिन्दी परिषद के एक कार्यक्रम में कही। पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “देश का बंटवारा आधुनिक भारत की सबसे बड़ी भूल थी। गांधी जी ने कहा कि देश का बंटवारा उनकी लाश पर ही होगा, स्वतंत्रता दिवस के दिन वे उदास थे और बंगाल चले गए थे।”
MoS PMO Jitendra Singh: Had we understood that the partition took place only due to the ambitions of a few people, then the discussions on Jammu & Kashmir happening today would not have taken place. There would have neither been Article 370 nor the issue of its abrogation. (13.9) https://t.co/Ii0F1o9iXp
— ANI (@ANI) September 13, 2019
जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि, अगर बंटवारा न हुआ होता तो 370 आर्टिकल हटाने की जरूरत ही नहीं पड़ती, क्योंकि तब वह लगा ही नहीं होता। सिंह ने बंटवारे को कुछ लोगों की महत्वाकांक्षा का परिणाम बताया।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि कुछ लोगों की महत्वाकांक्षा के चलते ही देश बंटा, यदि हम ये समझ गए होते तो आज जम्मू-कश्मीर पर इस तरह की चर्चा करने की जरूरत न पड़ती, तब न अनुच्छेद-370 होता और न ही इसे खत्म करने की जरूरत पड़ती। उन्होंने कहा कि इस एक घटना की वजह से इतिहास में हम कितना आगे गए या पीछे आए, इसका आकलन आप खुद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश का बंटवारा आधुनिक भारत की सबसे बड़ी भूल थी। गांधी जी ने कहा कि देश का बंटवारा उनकी लाश पर ही होगा, स्वतंत्रता दिवस के दिन वे उदास थे और इसीलिए बंगाल चले गए थे।”
आपको बता दें कि, जितेंद्र सिंह ने अभी कुछ दिन पहले ही अनुच्छेद 370 हटाने को उनकी सरकार की और देश की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया था और कहा था कि पीओके हमारा अगला एजेंडा है।
द्वी-राष्ट्र का सिद्धांत फेल हुआ –
दिल्ली में इस कार्यक्रम में जितेंद्र सिंह ने कहा कि द्वि-राष्ट्र के जिस सिद्धांत पर भारत का बंटवारा हुआ था, बांग्लादेश बनने के साथ ही वो सिद्धांत अर्थहीन हो गया।