लखनऊ, राजसत्ता एक्सप्रेस। लॉकडाउन के तीसरे चरण में शराब की दुकानों से शटर क्या उठा, मानो मदिरा के दिवानों को साक्षात भगवान के दर्शन हो गए हो। करीब 40 दिन से जो गला शराब के सूखे की मार झेल रहा था उसे तर करने के लिए लोग सुबह ही ठेके पर पहुंच गए। एक महीने से भी ज्यादा समय तक जिन सड़कों पर सन्नाटा रहता था, वहां लोगों की चहलकदमी हो रही थी। शराब के लिए कोई थैला तो कोई बोरा हाथ में लिये जाता दिखा। हाथ पर थैला लिये होठों पर मुस्कान बता रही थी कि आज ‘सोमरस’ को सूखे गले से होकर ही गुजरना होगा।
शराब दुकानदारों ने भी ग्राहकों के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। बीती शाम दुकानों के बाहर गोले बनाने का काम शुरू हो चुका था। अगली सुबह ठेकों पर भीड़ ऐसी लगी कि पुलिसकर्मियों का माथा भी ठनक गया। काहे का कोरोना और काहे की सोशल डिस्टेंसिंग। शटर खुलते ही लोग शराब खरीदने के लिए टूट पड़े। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठी का सहारा लेना पड़ा। कई जगहों पर एक किलोमीटर तक की लाइन देखने को मिली।
बिक्री के रिकॉर्ड ध्वस्त!
लॉकडाउन में डाउन होते राजस्व की पूर्ति करने के लिए ठेके खोले गए थे। इसी उम्मीद से कि शराब बेचकर कुछ भरपाई की जाए। जनता ने भी सरकार को निराश नहीं किया। सोमवार को यूपी में इतनी शराब बिकी कि सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए। एक अनुमान के मुताबिक, यूपी में लगभग 300 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई। राजधानी लखनऊ में आठ करोड़ रुपये की शराब बिक गई। यूपी लिकर सेलर वेलफेयर असोसिएशन के महासचिव कन्हैया लाल मौर्य का कहना है कि गौतमबुद्धनगर, मुजफ्फनगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, प्रयागराज जैसे दर्जन भर जिलों में पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब सोमवार को बिकी।
शराब खरीदने की लिमिट तय
सोमवार को शराब की भयंकर बिक्री हुई। कई दुकानों पर शाम होते-होते माल कम पड़ गया तो कई इलाकों में दुकानदारों ने समय से पहले ही शटर गिरा दिया। मजबूरन सरकार को शराब खरीदने की लिमिट तय करनी पड़ी। दुकानों पर लंबी कतार और अधिक मात्रा में खरीदारी को देखते हुए विभाग ने निर्णय लिया कि एक बार में एक व्यक्ति अधिकतम 750 एमएल ही शराब दी जाएगी। इसमें एक बार मे एक बोतल, दो हाफ, तीन पव्वा, 375 एम एल बीयर की दो बोतल या तीन केन खरीदा जा सकता है।
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