पेरिस: फ्रांस ने भारत में उत्पादित होने वाली वैक्सीन कोविशील्ड (एस्ट्राजेनेका) लगवाने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को प्रवेश की अनुमति दे दी है. यह फैसला रविवार से लागू होगा. फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स की ओर से शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार डेल्टा वेरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए बॉर्डर पर जांच और कड़ी की गई है.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भारत में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से बनाती है. कोविड-19 महामारी के बीच यात्रियों को प्रवेश की अनुमति देने के लिए कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता देने वाला फ्रांस यूरोपीय संघ का 14वां सदस्य है. बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आयरलैंड, लातविया, नीदरलैंड, स्लोवेनिया, स्पेन और स्वीडन ने पहले ही वैक्सीन को मंजूरी दे दी है.
फ्रांस में वैक्सीन की दोनों डोज लिए बिना कुछ यूरोपीय देशों से आने वाले यात्रियों को 24 घंटों के भीतर की कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. यूनाइटेड किंगडम, स्पेन, पुर्तगाल, साइप्रस, ग्रीस और नीदरलैंड से आने वाले यात्रियों पर यह नए नियम लागू होगा, जो रविवार से प्रभावी होगा.
अब तक यूनाइटेड किंगडम से आने वाले लोगों को 48 घंटों के भीतर की कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होती थी. वहीं स्पेन, पुर्तगाल, साइप्रस, नीदरलैंड और ग्रीस से आने वाले लोगों को 72 घंटे के अंदर किए गए टेस्ट की की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी पड़ती थी.
कास्टेक्स ने कहा कि जिन लोगों को यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी द्वारा मान्यता प्राप्त फाइजर – बायोएनटेक, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका या जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, उन्हें टेस्ट रिपोर्ट दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी. बयान में कहा गया है कि वैक्सीन वायरस के खिलाफ प्रभावी होने के कारण यह छूट दी गई है.