PFI Ban: BSP प्रमुख मायावती ने PFI पर प्रतिबंध को बताया, आरएसएस का तुष्टिकरण

लोकसभा चुनाव 2024 करीब आ गया हैं। पार्टियां अपने वोट बैंक को भुनाने के लिए प्रतिदिन  कोई न कोई बयान देती  हैं। सभी विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के कामों, बयानों पर खासा नजर रख रहे है। विशेष रूप से बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती। आजकल वह पूरे लय में नजर आ रहीं हैं। केंद्र  की मोदी सरकार ने पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर 5 साल का प्रतिबंध  लगा दिया है। बस बीएसपी सुप्रीमों भड़क गई। PFI पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय पर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर लोगों में बेचैनी ज्यादा है।

BSP चीफ मायावती ने शुक्रवार यानी आज ट्विटर पर लिखा कि, “केन्द्र द्वारा पीपुल्स फ्रण्ट आफ इण्डिया (PFI) पर देश भर में कई प्रकार से टारगेट करके अन्ततः अब विधानसभा चुनावों से पहले उसे उसके आठ सहयोगी संगठनों के साथ प्रतिबन्ध लगा दिया है, उसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मानकर यहाँ लोगों में संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है।”

उन्होंने ने आगे कहा  कि, यही कारण है कि विपक्षी पार्टियां सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और आरएसएस पर भी बैन लगाने की मांग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी बैन क्यों नहीं लगना चाहिए?

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