काशी महाकाल एक्सप्रेस में अस्थायी शिव मंदिर बनाए जाने को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जवाब देते हुए कहा कि असदुद्दीन ओवैसी के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है। जिस ट्रेन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया है, उसमें ज्योतिर्लिंग की स्थापना नहीं की गई है। वह केवल उद्घाटन समारोह के लिए था।
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— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 17, 2020
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विश्वास के आधार पर कुछ कर्मचारियों ने बर्थ पर भगवान की फोटो लगा दी थी और किसी ने इस पर आपत्ति नहीं जताई. मैं भी गणेश साईं राम की तस्वीर लेकर चलता हूं. कुछ लोग नमाज अदा करते हैं. बता दें, काशी महाकाल एक्सप्रेस के बोगी नंबर 5 के बर्थ नंबर 64 पर अस्थायी मंदिर बनाया गया.
तेलंगाना की केसीआर सरकार पर आरोप लगाते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एक तरफ केंद्र तेलंगाना की मदद कर रहा है, लेकिन (तेलंगाना) राज्य मंत्रिमंडल नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध की वकालत करता है. यह तुष्टिकरण की राजनीति है. सीएए किसी के खिलाफ नहीं है. यह केवल उन अल्पसंख्यकों को नागरिकता देगा, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हुए हैं.
पीयूष गोयल ने कहा कि सीएए भारत का एक कानून है और कोई भी राज्य सरकार अलग कानून पारित नहीं कर सकती या विरोध नहीं कर सकती. एक संघीय ढांचे में, राज्य को संसद द्वारा पारित कानून का पालन करना होता है. तेलंगाना सरकार भारत के संविधान, संसद और लोगों का अपमान कर रही है. असदुद्दीन ओवैसी के कहने पर केसीआर गंदी राजनीति कर रहे हैं.
असदुद्दीन ओवैसी पर धार्मिक राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि वह समाज को विभाजित करने की कोशिश करते हैं. ओवैसी और टीआरएस सीएए पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि यह किसी भी भारतीय के खिलाफ नहीं है. अगर कोई भी व्यक्ति जो तेलंगाना को धर्म के आधार पर विभाजित करना चाहता है तो वह केसीआर और ओवैसी है, जिन्होंने धर्म आधारित आरक्षण की योजना बनाई है.