नक्सली हमले में 16 जवानों की शहादत पर पीएम-सीएम आहत, कहा- बख्शे नहीं जाएंगे साजिशकर्ता

गढ़चिरौली: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सलियों की ओर से किए गए हमले में 16 जवान शहीद हो गए हैं। जिस वाहन पर नक्सलियों की ओर घात लगाकर आईईडी ब्लास्ट किया गया, वह क्विक रिस्पॉन्स टीम को ले जा रहा था। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले में शहीद जवानों के प्रति शोक प्रकट किया है और कहा है कि इस हमले के साजिशकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा।

गौरतलब है कि कुरखेड़ा तहसील के दादापुरा गांव में नक्सलियों ने 36 वाहनों को आग लगा दी थी। उसके बाद क्विक रिस्पॉन्स टीम के कमांडो घटनास्थल के लिए रवाना हुए थे। ये कमांडो नक्सलियों का पीछा करते हुए जंबुखेड़ा गांव की एक पुलिया पर पहुंचे, जहां नक्सलियों ने विस्फोट के जरिए जवानों पर हमला कर दिया। गढ़चिरौली में यह धमाका घने जंगलों के बीच हुआ है। फिलहाल घटनास्थल पर पुलिस और नक्सलियों के बीच फायरिंग चल रही है। कमांडो की गाड़ी में 16 जवान सवार थे।

इससे पहले महाराष्ट्र दिवस के मौके पर गढ़चिरौली में ही नक्सलियों ने निजी ठेकेदारों के तीन दर्जन वाहनों को आग लगा दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आधिकारिक ट्विटर हैंडल से नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों पर शोक जताया है। उन्होंने लिखा, ‘सभी बहादुर जवानों को सलाम करता हू। उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जाएगा। मेरी सांत्वना शोक संतप्त परिवारों के साथ है। हिंसा के पीछे साजिशकर्ताओं को बख्शा नहीं जाएगा।’ उधर, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि गढ़चिरौली C-60 फोर्स के 16 जवान इस हमले में शहीद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं शहीद के शोक संतप्त परिवारवालों के लिए संवेदना प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा, ‘मैं राज्य के डीजीपी और गढ़चिरौली एसपी के संपर्क में हूं।

बता दें कि नक्सल खतरों को ध्यान में रखते हुए 1992 में सी-60 फोर्स तैयार की गई थी। इसमें पुलिस फोर्स के 60 जवान शामिल होते हैं। यह काम गढ़चिरौली के तब से एसपी के.पी. रघुवंशी ने किया था। सी-60 में शामिल पुलिसवालों को गुरिल्ला युद्ध के लिए भी तैयार किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, बिहार और नागपुर में होती है। इस फोर्स को महाराष्ट्र की उत्कृष्ट फोर्स माना जाता है। रोजाना सुबह खुफिया जानकारी के आधार पर यह फोर्स आसपास के क्षेत्र में ऑपरेशन को अंजाम देती है। सी-60 के जवान अपने साथ करीब 15 किलो का भार लेकर चलते हैं, जिसमें हथियार के अलावा, खाना, पानी, फर्स्ट ऐड और बाकी सामान शामिल होता है।

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बुधवार को ही गढ़चिरौली के कुरखेड़ा में नक्सलियों ने निजी ठेकेदारों के कम से कम तीन दर्जन वाहनों में आग लगा दी। यह घटना सुबह उस वक्त घटी जब राज्य का स्थापना दिवस ‘महाराष्ट्र दिवस’ मनाने की तैयारी की जा रही थी। नक्सली पिछले साल 22 अप्रैल के दिन सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए अपने 40 साथियों की मौत की पहली बरसी मनाने के लिए एक सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन के अंतिम चरण में थे। गढ़चिरौली में ही जिन वाहनों को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया, उनमें से ज्यादातर अमर इंफास्ट्रक्चर लिमिटेड के थे, जो दादापुर गांव के पास एन एच 136 के पुरादा-येरकाड सेक्टर के लिए निर्माण कार्यों में लगे थे। घटनास्थल से भागने से पहले नक्सलियों ने पिछले साल अपने साथियों की हत्या की निंदा करते हुए पोस्टर और बैनर भी लगाए। नक्सलियों ने जाने से पहले दो जेसीबी, 11 टिप्पर, डीजल और पेट्रोल टैंकर्स, रोलर्स, जेनरेटर वैन और दो स्थानीय कार्यालयों को भी आग के हवाले कर दिया।

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