नई दिल्ली। पाकिस्तान में संसदीय चुनाव के दौरान इमरान खान ने एक नया पाकिस्तान बनाने का वादा वहां के लोगों से किया था, लेकिन नया कुछ नहीं हुआ है। पाकिस्तान जैसा पहले था, वैसा ही अब भी है। कुल मिलाकर पुराने ढर्रे पर हमारा पड़ोसी मुल्क चल रहा है।
पीएम हाउस में पाली गई भैंसों से लेकर महंगी गाड़ियों की नीलामी कर इमरान खान ने कुछ बदलाव लाने के संकेत दिए जरूर थे, लेकिन अपने देश की बदहाली को मिटाने के लिए फिलहाल कुछ कर नहीं सके हैं।
20 मिलियन डॉलर उनके मुल्क को सऊदी अरब उस वक्त देने का वादा करता है, जब इमरान खान वहां के शहजादे के ड्राइवर बन जाते हैं। अमेरिका 1.3 मिलियन डॉलर की सालाना नेग देना बंद ही कर चुका है।
सोशल मीडिया में आई एक तस्वीर बताती है कि एक पुलिसकर्मी चारपाई को आड़ बनाकर सुरक्षा कर रहा है।
बावजूद इसके इमरान खान की ठसक कम नहीं दिखती है। चाहे सऊदी शहजादे को सोने से मढ़ी रायफल गिफ्ट देने की बात हो या पुलवामा हमले के बाद उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की तर्ज पर भारत को युद्ध में पटकनी देने की धमकी। इमरान के नेतृत्व में पाकिस्तान में कुछ भी नयापन नहीं है।
70 के दशक में भुट्टो थे और अब इमरान हैं। चेहरे बदले हैं, लेकिन बाकी पाकिस्तान का डीएनए जस का तस है। बात जैश की होती है, तो उसके मुख्यालय पर सुरक्षा दे दी जाती है। 25 करोड़ डॉलर का इनामी आतंकी हाफिज सईद खुलेआम घूमता और भारत को आंखें तरेरता रहता है।
फिर कौन सा नया पाकिस्तान है यह ? कुछ भी तो नहीं बदल सके हैं इमरान खान। बस बदल सके हैं तो अपनी बीवियां। बस यही नयापन वह ला सके हैं।