प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज झारखंड के देवघर में जनजातीय गौरव दिवस समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे, जहां उनका विमान तकनीकी खराबी के कारण कुछ समय के लिए देवघर एयरपोर्ट पर रुक गया। पीएम मोदी का विमान निर्धारित समय से कुछ देरी से दिल्ली लौटने में सक्षम हो सका, क्योंकि विमान में अचानक आई तकनीकी खराबी के कारण अधिकारियों ने विमान को वहीं रोकने का निर्णय लिया। हालांकि, प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों में कोई अन्य बदलाव नहीं हुआ, और वे आदिवासी समाज को सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह को बिना किसी परेशानी के पूरा करने में सफल रहे।
आदिवासी समाज के योगदान पर पीएम मोदी का बयान
समारोह के दौरान, पीएम मोदी ने आदिवासी समाज के ऐतिहासिक योगदान को लेकर एक विस्तृत भाषण दिया। उन्होंने आदिवासी समाज की महत्वता को रेखांकित करते हुए कहा, “आदिवासी समाज ने हमारे देश की संस्कृति को बचाए रखने के साथ-साथ आजादी की लड़ाई में भी अहम भूमिका निभाई। आदिवासी समाज ने ही राजकुमार राम को भगवान राम में बदला। अगर आदिवासी समाज की मेहनत और संघर्ष न होता, तो आज हम यह पहचान न बना पाते।”
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आजादी के बाद के कुछ दशकों में आदिवासी समाज के योगदान को छिपाने और उसे मिटाने की कोशिश की गई। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कुछ राजनीतिक दलों ने देश की आजादी में केवल अपने ही योगदान को प्रचारित किया और आदिवासी क्रांतिकारियों के योगदान को नकारा। “अगर सिर्फ एक ही पार्टी और एक ही परिवार ने देश को स्वतंत्रता दिलाई है, तो फिर भगवान बिरसा मुंडा का उलगुलान आंदोलन, संथाल क्रांति और कोल क्रांति जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं को नजरअंदाज क्यों किया गया?” पीएम मोदी ने यह सवाल उठाया।
बीजेपी और एनडीए सरकार का आदिवासी समाज के प्रति दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि बीजेपी और एनडीए सरकार आदिवासी समाज के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे एनडीए के लिए गर्व की बात है कि उन्हें देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू को इस पद पर नियुक्त करने का अवसर मिला। इसके अलावा, उन्होंने पीएम जनमन योजना का भी जिक्र किया, जिसमें आदिवासी समाज के उत्थान के लिए कई योजनाएं और कार्य शुरू किए गए हैं।
आदिवासी विरासत के संरक्षण के लिए उठाए गए कदम
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने आदिवासी संस्कृति, कला और विरासत के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई आदिवासी कलाकारों और संस्कृति के संरक्षकों को पद्म पुरस्कार जैसे सम्मान दिए गए हैं। रांची में भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर एक विशाल संग्रहालय की शुरुआत की गई है, जो आदिवासी समाज की धरोहर को संजोने का काम करेगा। इसके अलावा, उन्होंने भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के संदर्भ में भी आदिवासी समाज के योगदान को स्वीकार करते हुए बताया कि इस धरोहर को सुरक्षित रखते हुए इसे भावी पीढ़ियों के लिए और अधिक विकसित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर आदिवासी समाज की शक्ति, योगदान और उनकी विरासत को उजागर करते हुए कहा कि उनकी सरकार हर स्तर पर आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में काम करना जारी रखेगी।