यूएनजीए में आमने-सामने होंगे पीएम मोदी और इमरान खान

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से ऐसा पहली बार हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान आमने-सामने होंगे। बतादें कि, आज संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान आमने-सामने होंगे। इस कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी न्यूयॉर्क पहुंच चुके हैं। यहां अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ-साथ अन्य कई देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य प्रतिनिधि भी मौजूद होंगे।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर यूएनजीए है क्या? क्यों इसे विश्व की लघु संसद कहा जाता है? इसका अधिवेशन कब और क्यों होता है? वैश्विक स्तर पर यह कितना महत्वपूर्ण है? इन सभी सवालों के जवाब हम आपको आगे बता रहे हैं।

क्या है यूएनजीए

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के प्रमुख छह अंगों में से एक है।
  • यूएनजीए संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र ऐसी संस्था है जहां सभी सदस्य देशों को समान प्रतिनिधित्व मिला हुआ है।
  • यूएनजीए का पहला अधिवेशन 10 जनवरी 1946 को लंदन के मेथोडिस्ट सेंट्रल हॉल में हुआ था।
  • 1946 में यूएनजीए में 51 सदस्य देश थे। वर्तमान में दुनिया भर के 193 देश यूएनजीए के सदस्य हैं।
  • यूएनजीए में कुल सदस्य देशों के करीब दो तिहाई विकासशील देश (Developing Country) हैं।
  • संख्या में ज्यादा होने के कारण विकासशील देश अक्सर यूएनजीए के अधिवेशनों के एजेंडे भी तय करने में सफल हो जाते हैं।
  • अधिवेशन के हर सत्र के लिए एजेंडा करीब सात महीने पहले से ही तय कर लिए जाते हैं। फिर अधिवेशन से 60 दिन पहले इन्हें रिवाइज किया जाता है।

 किस देश को मिलता है पहला स्थान?

  • यूएनजीए के अधिवेशन में हॉल में कौन सा देश पहले बैठेगा और कौन सा बाद में इसका फैसला उनके नाम से किया जाता है।
  • सबसे आगे बायीं तरफ की पहली सीट पर किस देश के प्रतिनिधि होंगे, इसका फैसला वार्षिक तौर पर बैलट ड्रॉ द्वारा सेक्रेटरी जेनरल करते हैं।
  • उसके बाद देशों के अंग्रेजी नाम के शुरुआत में आने वाले अल्फाबेट के अनुसार देशों के प्रतिनिधियों को बैठना होता है।

यूएनजीए को क्यों कहते हैं विश्व की लघु संसद?

  • हर साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) का अधिवेशन होता है।
  • इन अधिवेशनों में सदस्य देशों के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति हिस्सा लेते हैं। इन सभी के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा व बहस होती है, प्रस्ताव रखे जाते हैं।
  • किसी प्रस्ताव को पास कराने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है। मतों के लिए एक देश, एक मताधिकार की प्रणाली लागू होती है। यानी एक देश से एक प्रतिनिधि अपना मत देते हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र के बजट समेत कुछ अन्य क्षेत्रों में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार भी यूएनजीए के पास है। यहां ये भी तय होता है कि संस्था के कार्यों के लिए हर सदस्य देश को कितनी राशि देनी है।
  • यूएनजीए के बजट को राजनीतिक मामलों, अंतरराष्ट्रीय न्यान व कानून के माममों, विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग, जन सूचना, मानवाधिकार जैसे क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रमों के लिए किया जाता है।
  • इन कारणों से भी यूएनजीए को विश्व की लघु संसद कहा जाता है।
इस बार यूएनजीए का 74वां अधिवेशन है। न्यूयॉर्क में इसका आयोजन हो रहा है।

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