प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों देशभर में धुआंधार दौरे कर रहे हैं। गुजरात, बंगाल, बिहार और यूपी के बाद अब उनकी गाड़ी मध्यप्रदेश पहुंची। भोपाल में उन्होंने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर आयोजित ‘महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन’ में शिरकत की। इस दौरान पीएम ने न सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर को भारत का सबसे बड़ा और कामयाब एंटी-टेरर मिशन बताया, बल्कि पाकिस्तान को साफ लफ्जों में चेतावनी भी दी कि अब गोली का जवाब गोले से मिलेगा। मंच पर पहुंचने से पहले पीएम ने देवी अहिल्याबाई की प्रदर्शनी देखी, महिला बुनकरों और ड्रोन दीदी से मुलाकात की, और कई बड़े प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन भी किया। आइए, जानते हैं इस धमाकेदार इवेंट का पूरा माजरा।
भोपाल में पीएम का भव्य स्वागत
भोपाल का जंबूरी मैदान तिरंगों और उत्साह से सराबोर था। पीएम मोदी खुली जीप में सवार होकर मंच तक पहुंचे, जहां सीएम मोहन यादव और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उनका जोरदार स्वागत किया। सीएम ने पीएम को होल्कर राजवंश की खास पगड़ी पहनाई। पूरे शहर में ऑपरेशन सिंदूर के पोस्टर लगे थे, और करीब 2 लाख महिलाएं इस आयोजन में शामिल हुईं। पीएम ने मंच से इंदौर मेट्रो की पहली लाइन, सतना और दतिया एयरपोर्ट का वर्चुअल उद्घाटन किया। खास बात ये कि दतिया का पहला विमान एक महिला पायलट उड़ाएगी, जो नारी शक्ति का प्रतीक बना।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकियों का काल
पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जोरदार बयान दिया। उन्होंने कहा कि पहलगाम में आतंकियों ने न सिर्फ भारतीयों का खून बहाया, बल्कि हमारी संस्कृति और नारी शक्ति को चुनौती दी। लेकिन ये उनकी सबसे बड़ी भूल थी। भारतीय सेना ने दुश्मन के घर में सैकड़ों किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। पीएम ने इसे भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सफल ऑपरेशन बताया। उन्होंने दो टूक कहा, “आतंकवाद के खिलाफ जंग अभी रुकी नहीं है। गोली का जवाब गोले से देंगे।”
सिंदूर अब शौर्य का प्रतीक
मोदी ने कहा कि भारत संस्कृति और परंपराओं का देश है। सिंदूर हमारी नारी शक्ति का प्रतीक है। “हनुमान जी राम भक्ति में सिंदूर से रंगे हैं, शक्ति पूजा में हम सिंदूर अर्पित करते हैं। और अब यही सिंदूर भारत के शौर्य का प्रतीक बन गया है।” ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ आतंकियों को सबक सिखाया, बल्कि ये भी दिखाया कि भारत अब किसी भी हमले का जवाब देने में देर नहीं करता।
देवी अहिल्याबाई: भारत की विरासत की रक्षक
पीएम ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि 300 साल पहले, जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा था, तब अहिल्याबाई ने न सिर्फ अपने राज्य को नई दिशा दी, बल्कि गरीब से गरीब को सशक्त बनाया। उन्होंने काशी विश्वनाथ सहित देशभर के मंदिरों और तीर्थों का पुनर्निर्माण करवाया, जब उन पर हमले हो रहे थे। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार भी अहिल्याबाई के ‘नागरिक देवो भव’ के मंत्र पर चल रही है, जिसका मतलब है जनता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।
विकास के साथ नारी शक्ति को बढ़ावा
पीएम ने बताया कि उनकी सरकार ने 10 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा है, जो आर्थिक गतिविधियों में हिस्सा ले रही हैं। इन महिलाओं को लाखों रुपये की वित्तीय मदद दी जा रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। पीएम ने कहा कि अहिल्याबाई का कहना था कि जो कुछ हमें मिलता है, वो जनता से मिलता है और हमें उसे लौटाना चाहिए। उनकी सरकार भी इसी सोच के साथ काम कर रही है। भोपाल में पीएम ने 1,271 अटल ग्राम सुशासन भवनों के लिए फंड ट्रांसफर किया और क्षिप्रा नदी पर सिम्हस्थ महाकुंभ 2028 के लिए घाट निर्माण की आधारशिला रखी।
काशी से खास कनेक्शन
पीएम ने अपने भाषण में काशी का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने काशी में कई विकास कार्य किए, और आज उन्हें काशी विश्वनाथ मंदिर में उनकी मूर्ति के दर्शन करके गर्व होता है। “काशी ने मुझे भी सेवा का मौका दिया है, और मैं उसी रास्ते पर चल रहा हूं।”