मॉरीशस ही नहीं… पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत इन देशों के लिए भी बना ढाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मॉरीशस दौरा सिर्फ एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत की वैश्विक भूमिका का मजबूत संदेश है. भारत अब सिर्फ अपना विकास ही नहीं कर रहा, बल्कि दुनिया के कई देशों को मजबूती देने का काम भी कर रहा है. फिर चाहे वो भूटान हो, बांग्लादेश, नेपाल या फिर अफगानिस्तान. हर जगह भारत अपनी मौजूदगी से दोस्ती और विकास की नई मिसालें पेश कर रहा है.

पीएम मोदी ने मॉरीशस में सिविल सर्विस कॉलेज और एरिया हेल्थ सेंटर का उद्घाटन किया, जो वहां के प्रशासन और हेल्थ सेक्टर को और मजबूत करेगा. लेकिन यह सिर्फ मॉरीशस तक सीमित नहीं है, भारत कई और देशों के लिए भी मददगार साबित हो रहा है.


मॉरीशस के लिए भारत सिर्फ दोस्त नहीं, परिवार है

पीएम मोदी के शब्दों में, “मॉरीशस सिर्फ एक साझेदार नहीं, बल्कि भारत के लिए परिवार है.” यह शब्द भारत-मॉरीशस के रिश्ते की गहराई को दर्शाते हैं. जब भारत कोई प्रोजेक्ट मॉरीशस में पूरा करता है, तो वहां की तरक्की का जश्न भारत में भी मनता है.

मॉरीशस के विकास में भारत का अहम योगदान रहा है. वहां सुप्रीम कोर्ट का नया भवन हो, मेट्रो एक्सप्रेस प्रोजेक्ट हो, या फिर नया ENT हॉस्पिटल – भारत ने हर मोर्चे पर मॉरीशस का साथ दिया है.


भारत बना कई देशों का संकटमोचक

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई देशों को आर्थिक और तकनीकी मदद दी है. यह मदद बिना किसी शर्त के होती है, जो भारत की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की नीति को मजबूत बनाती है.

👉 भूटान – भारत ने वहां पेमा वांगचुक मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल बनाया. इसका पहला फेज 2019 में और दूसरा फेज 2024 में पूरा हुआ. यह भूटान के हेल्थ सेक्टर के लिए बड़ा कदम था.

👉 बांग्लादेश – भारत ने बांग्लादेश में तीन बड़े प्रोजेक्ट पूरे किए – अखौरा-अगरतला क्रॉस बॉर्डर रेल लिंक, खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन और रामपाल में मैत्री सुपर थर्मल पावर प्लांट.

👉 नेपाल – 2022 में पीएम मोदी ने जयनगर-कुर्था रेलवे लिंक को हरी झंडी दिखाई. यह भारत और नेपाल के बीच पहला ब्रॉड-गेज यात्री रेलवे लिंक है, जिसे भारतीय अनुदान से बनाया गया है.

👉 सेशेल्स – 2021 में पीएम मोदी ने सेशेल्स में विक्टोरिया मजिस्ट्रेट कोर्ट का उद्घाटन किया. यह वहां की पहली भारतीय सहायता प्राप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना थी.

👉 अफगानिस्तान – 2016 में अफगान-भारत मैत्री बांध (सलमा बांध) और 2015 में अफगान संसद भवन का निर्माण पूरा हुआ. भारत ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भी मदद की.


भारत की मदद का मॉडल क्यों अलग है?

भारत की मदद और दूसरे बड़े देशों की मदद में फर्क यह है कि भारत बिना शर्त के दोस्ती निभाता है. कई बड़े देश अपनी मदद के बदले कुछ न कुछ मांगते हैं, लेकिन भारत का मकसद सिर्फ दोस्ती और सहयोग है.

भारत न सिर्फ बुनियादी ढांचा विकसित कर रहा है, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक सुधारों में भी कई देशों का साथ दे रहा है. यही वजह है कि पीएम मोदी का नेतृत्व भारत को एक ‘वैश्विक मददगार’ (Global Partner) के रूप में स्थापित कर रहा है.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles