पीएम नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में शामिल रहे श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 123वीं जयंती पर शनिवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘अपने प्रखर राष्ट्रवादी विचारों से मां भारती को गौरवान्वित करने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। मातृभूमि के लिए उनका समर्पण और त्याग देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।’
मुखर्जी, भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे। जनसंघ, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का पूर्ववर्ती संगठन था। वह जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल के सदस्य थे लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री (नेहरू) के साथ अपने मतभेदों के कारण उन्होंने पद छोड़ दिया और फिर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के समर्थन से जनसंघ का गठन किया था।
अपने प्रखर राष्ट्रवादी विचारों से मां भारती को गौरवान्वित करने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। मातृभूमि के लिए उनका समर्पण और त्याग देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। pic.twitter.com/QYELTn45fb
— Narendra Modi (@narendramodi) July 6, 2024
जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तारी के बाद, 1953 में मुखर्जी की मृत्यु हो गई थी। राज्य के गैर निवासी भारतीय नागरिकों पर लगाई गई पाबंदी के खिलाफ आंदोलन के दौरान उनकी गिरफ्तारी हुई थी। वह राज्य को दिए गए विशेष दर्जे के खिलाफ थे।
कौन थे डॉक्टर मुखर्जी?
डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आज जयंती है। 6 जुलाई 1901 को उनका जन्म कलकत्ता के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम आशुतोष मुखर्जी था। उन्होंने साल 1917 में मैट्रिक की पढ़ाई की। साल 1921 में उन्होंने बीए की डिग्री ली। साल 1923 में उन्होंने लॉ की डिग्री ली, जिसके बाद वह इंग्लैंड चले गए। साल 1926 में वह इंग्लैंड पहुंचे और वहां से जब वापस भारत पहुंचे तो वह बैरिस्टर बन चुके थे। 33 वर्ष की आयु में डॉ. मुखर्जी कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। फिर एक समय आया जब वो सांसद, मंत्री बने और फिर उन्होंने जनसंघ की स्थापना की।