नई दिल्ली। अयोध्या में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन का हर किसी को बेसब्री से इंतजार है। इस शुभ घड़ी में सिर्फ 4 दिन शेष रह गए है। 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान रामलला की मूर्ति मंदिर में स्थापित की जाएगी। इसी बीच प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राम मंदिर पर डाक टिकट जारी किया है। जिसकी तस्वीर भी सामने आई है। इन डाक टिकट में भगवान हनुमान, गणेश, जटायु, मां शबरी की दिव्य छवि है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने दुनियाभर में प्रभु श्रीराम पर टिकटों की एक पुस्तक जारी की है। 48 पेज की इस पुस्तक में 20 देशों के टिकट हैं। बता दें कि अयोध्या में अनुष्ठान का आज तीसरा दिन है। अनुष्ठान के तहत 24 पूजन प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर स्मारक डाक टिकट और दुनिया भर में भगवान राम पर जारी टिकटों की एक पुस्तक जारी की।
डिजाइन के घटकों में राम मंदिर, चौपाई 'मंगल भवन अमंगल हारी', सूर्य, सरयू नदी और मंदिर के आसपास की मूर्तियां शामिल हैं। pic.twitter.com/h2FhCUefst
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 18, 2024
डाक टिकट जारी करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो संदेश में कहा, आज श्रीराम जन्मभूमि को समर्पित 6 विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किए गए है। विश्व के अलग-अलग देशों में प्रभु श्रीराम से जुड़े जो डाक टिकट जारी हुए है। आज उनका एक एल्बम भी रिलीज हुआ है, मैं देश-विदेश के सभी रामभक्तों और देशवासियों को बधाई देता हूं।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "पोस्टल स्टैंप का कार्य हम सभी जानते हैं लेकिन पोस्टल स्टैंप एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पोस्टल स्टैंप इतिहास और ऐतिहासिक अवसरों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम भी होते हैं।" https://t.co/7qQSlymSCp pic.twitter.com/jmkZKyBTYV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 18, 2024
पीएम मोदी ने आगे कहा, “पोस्टल स्टैंप का एक कार्य हम सभी जानते हैं। उन्हें लिफाफे में लगाना, उनकी मदद से अपने पत्र और संदेश या जरूरी कागज भेजना। लेकिन पोस्टल स्टैंप एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पोस्टल स्टैंप विचारों, इतिहास और ऐतिहासिक अवसरों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का एक माध्यम भी होते हैं…जब आप किसी डाक टिकट को जारी करते है और जब कोई इसे भेजता है तो वो सिर्फ पत्र या सामान नहीं भेजता है वो सहज रूप से इतिहास के किसी अंश को भी किसी दूसरे तक पहुंचा देता है। ये टिकट सिर्फ कागज का टुकड़ा और आर्ट वर्क नहीं है।”