गुजरात के केवड़िया में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का विरोध करने वाले दरअसल देश की एकता को समझने में असफल हैं। उनके अनुसार, भारत के बढ़ते सामर्थ्य और एकता की भावना से कुछ ताकतें न केवल भारत के भीतर बल्कि बाहर भी परेशान हैं।
अस्थिरता फैलाने की कोशिशें
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि कुछ लोग भारत की अस्थिरता फैलाने में लगे हुए हैं। ये शक्तियाँ भारत के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं और चाहती हैं कि विदेशों में भारत की नकारात्मक छवि बने। मोदी ने कहा, “ये लोग हमारे सेनाओं को भी टारगेट कर रहे हैं और गलत सूचनाओं का प्रचार कर रहे हैं।”
जात-पात के नाम पर विभाजन
प्रधानमंत्री ने जात-पात के नाम पर विभाजन करने की कोशिशों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग कभी नहीं चाहेंगे कि भारत विकास करे। “कमजोर भारत की राजनीति करने वाले इन लोगों के लिए गंदी राजनीति का सहारा लेना आसान है।” मोदी ने यह भी बताया कि ये लोग संविधान और लोकतंत्र का नाम लेकर भारत को तोड़ने का काम कर रहे हैं।
अर्बन नक्सलियों का खतरा
प्रधानमंत्री मोदी ने अर्बन नक्सलियों के गठजोड़ पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हमें इन लोगों को पहचानना और उनसे मुकाबला करना होगा। “आज हम एकता के गीत गाते थे, लेकिन अब इसे गुनाह समझा जा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का संदेश फैलाते हैं, उन्हें गलत तरीके से परिभाषित किया जा रहा है।
आने वाले 25 वर्ष का महत्व
मोदी ने कहा कि आने वाला 25 साल देश की एकता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरदार पटेल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत का सबसे बड़ा लक्ष्य एकजुटता और मजबूती से जुड़ी शक्ति होनी चाहिए। उन्होंने विविधता को सेलिब्रेट करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि इसी से एकता मजबूत होगी।
एकता का मंत्र
पीएम मोदी ने एकता के मंत्र को जीने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि यह एकता भारत के आर्थिक विकास और सामाजिक सद्भाव की जड़ी-बूटी है। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि हमें हर झूठ का सामना करना है और एकता बनाए रखनी है। “यह एकता हमें एक समृद्ध और विकसित भारत की दिशा में ले जाएगी,” उन्होंने कहा।