Tuesday, February 11, 2025

प्रधानमंत्री मोदी ने AI समिट में की बड़ी घोषणा: AI मानवता के लिए सहायक, इसके लिए चाहिए वैश्विक दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल फ्रांस के दौरे पर हैं और इस दौरान उन्होंने पेरिस में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) समिट को संबोधित किया। इस समिट में मोदी ने AI की शक्ति को मानते हुए कहा कि यह तकनीक इस सदी में मानवता के लिए एक नया कोड लिख रही है। साथ ही उन्होंने AI के लिए सही दिशा तय करने के लिए वैश्विक प्रयासों की ज़रूरत पर जोर दिया।

AI के जरिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में AI के उपयोग का एक उदाहरण देते हुए कहा कि AI का प्रयोग स्वास्थ्य के क्षेत्र में कैसे फायदेमंद साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि जब आप अपनी मेडिकल रिपोर्ट को किसी AI ऐप पर अपलोड करते हैं, तो यह ऐप उसे सरल भाषा में समझा सकता है और बिना किसी जटिल शब्दजाल के बता सकता है कि आपकी स्वास्थ्य रिपोर्ट का क्या मतलब है।

लेकिन अगर आप उसी ऐप से किसी व्यक्ति का चित्र बनवाने को कहते हैं जो बाएं हाथ से लिख रहा हो, तो ऐप शायद उसे दाएं हाथ से लिखते हुए दिखाएगा। यह उदाहरण AI की सीमाओं को स्पष्ट करता है, हालांकि इसमें सुधार की संभावना भी है।

AI की गति और प्रभाव

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि AI अब अभूतपूर्व गति से विकसित हो रहा है और इसका इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। यह अब सिर्फ एक तकनीकी टूल नहीं रह गया है, बल्कि इसका असर हमारी जीवनशैली, सुरक्षा, और समाज पर भी दिखाई दे रहा है। मोदी ने कहा कि AI का विकास और इसके उपयोग को वैश्विक स्तर पर एक दिशा देनी चाहिए ताकि इसके सकारात्मक प्रभावों का भरपूर लाभ मिल सके।

AI के लिए वैश्विक दिशा की आवश्यकता

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि AI के प्रभाव को सही दिशा में लाने के लिए देशों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा, “AI को तेजी से अपनाया जा रहा है और इसे लागू किया जा रहा है, और इस पर गहरी निर्भरता बन रही है। ऐसे में हमें एक सामूहिक वैश्विक प्रयास की जरूरत है जो AI के प्रभावी और सुरक्षित उपयोग के लिए दिशानिर्देश तय करे।”

AI और शासन: नया सोचने का समय

प्रधानमंत्री मोदी ने AI के लिए शासन (governance) के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि शासन का मतलब सिर्फ समस्याओं का समाधान करना नहीं है, बल्कि यह नवाचार को बढ़ावा देने का भी एक तरीका है। अगर हम AI का सही उपयोग करना चाहते हैं, तो हमें इसके शासन पर भी गहराई से विचार करना होगा और खुलकर इस पर चर्चा करनी होगी।

AI और वैश्विक सहयोग

मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस शिखर सम्मेलन का आयोजन करके उन्होंने AI के बारे में खुलकर विचार करने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से दुनिया भर के देशों को मिलकर AI के सकारात्मक इस्तेमाल के बारे में विचार करने का अवसर मिलता है।

AI का अर्थव्यवस्था और समाज पर प्रभाव

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात को भी रेखांकित किया कि AI पहले ही हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, और समाज को नया रूप दे चुका है। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर बन रहे हैं, बल्कि इससे हमारे जीवन में भी बदलाव आ रहा है। AI इस सदी में मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, और इसका सकारात्मक प्रभाव धीरे-धीरे दुनिया भर में देखा जा रहा है।

AI की चुनौतियां और पूर्वाग्रह

हालांकि मोदी ने AI की सकारात्मकता की सराहना की, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने इसके कुछ खतरों और पूर्वाग्रहों पर भी ध्यान देने की बात की। उनका कहना था कि AI की तकनीक में पूर्वाग्रह हो सकते हैं, और हमें इस पर गहरी सोच के साथ काम करना चाहिए। अगर हम AI को सही तरीके से लागू करें, तो यह पूरी दुनिया के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

AI के लिए खुले स्रोत और गुणवत्ता डेटा सेंटर का महत्व

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें ऐसे ओपन सोर्स सिस्टम्स विकसित करने चाहिए जो पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा दें। साथ ही, हमें डेटा सेंटर को पक्षपाती होने से बचाकर, गुणवत्ता और निष्पक्षता बनाए रखना चाहिए। AI का लोकतंत्रीकरण करना भी जरूरी है, ताकि इसका सही उपयोग सभी के लिए संभव हो सके।

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