नई दिल्ली: पेट्रोल में एथनॉल मिलाने से भारत को अगले चार सालों में 12,000 करोड़ रुपये बचत की उम्मीद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यह बातें कही.
मोदी ने विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल एथनॉल को मिलाने से 4,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई और रिकार्ड 141 करोड़ लीटर एथनॉल को मिलाया गया.
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उन्होंने कहा, “इस पहल से न केवल किसानों को फायदा हुआ बल्कि इससे बीते साल 4,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की भी बचत हुई. अगले चार वर्षो में इसे 12 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि बायोमास को जैव ईंधन में बदलने के लिए केन्द्र सरकार बड़े स्तर पर निवेश कर रही है. देशभर में 12 आधुनिक रिफाइनरी बनाने की योजना है. इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
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इससे पहले पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि एथनॉल मिश्रण को गति देने के लिए एथनॉल की आपूर्ति सुधारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इन प्रयासों के कारण 2013-14 में हुई 38 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति मौजूदा सीजन में बढ़कर 141 करोड़ लीटर तक पहुंच गई है.
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सरकार ने नई राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 अधिसूचित कर दी है, जिसके तहत 2030 तक 20 फीसदी एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है. नई नीति में एथनॉल के लिए कच्चे माल की उपलब्धता का दायरा और व्यापक बना दिया गया.