प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाओस दौरे के दौरान 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में आसियान के 10 सदस्य देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रूस और अमेरिका जैसे आठ साझेदार देश भी शामिल थे।
दक्षिण चीन सागर की शांति पर जोर
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में दक्षिण चीन सागर की शांति और स्थिरता पर जोर देते हुए कहा, “दक्षिण चीन सागर की सुरक्षा पूरे इंडो पैसिफिक क्षेत्र के हित में है।” उन्होंने एक स्वतंत्र और नियम आधारित इंडो पैसिफिक क्षेत्र की आवश्यकता पर भी बात की, जो सभी के लिए महत्वपूर्ण है।
ग्लोबल साउथ पर प्रभाव
मोदी ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चल रहे संघर्षों का सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया, “यह युद्ध का युग नहीं है। समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता।”
म्यांमार की स्थिति पर आसियान का समर्थन
म्यांमार की स्थिति पर भी मोदी ने आसियान के दृष्टिकोण का समर्थन किया और लोकतंत्र की बहाली के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता बताई।
टाइफून यागी पर संवेदना
इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने टाइफून यागी से प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदना भी व्यक्त की और भारत की ओर से मानवीय सहायता का आश्वासन दिया।
यह सम्मेलन न केवल भारत की कूटनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है, बल्कि क्षेत्र में शांति और सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी मजबूत बनाता है।