लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी और एक्टर अक्षय कुमार की बातचीत सामने गयी है. सोशल मीडिया पर यह पूरी बातचीत वायरल हो गयी है. इसमें अक्षय कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी से कई मजेदार सवाल किये. ये रही रिपोर्ट:-
पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं इतने लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रहा, प्रधानमंत्री रहा, लेकिन कभी मुझे गुस्सा जाहिर करने का समय नहीं आया. यक़ीनन मैं सख्त हूँ, अनुशासित हूँ. लेकिन मैं गुस्सा नहीं करता. मैं अपनी टीम के हर साथी से लगातार बातचीत करता हूँ. इससे उन्हें पता लग जाता है कि काम कैसे करना है. इस तरह मेरा काम बेहतर होता जाता है. पहले जब भी मुझे गुस्सा आता तो मैं उस बारे में सारी बात लिख देता था, इससे मेरे भाव उस कागज़ पर आ जाते थे. फिर मैं उस कागज़ को फाड़कर फेंक देता था.
इस पर अक्षय ने कहा कि जब मुझे गुस्सा आता है तो मैं सुबह उठकर बॉक्सिंग पैड पर खूब हिट करता हूँ. इससे मेरा गुस्सा निकलता है.
अक्षय ने पूछा कि आपको घर की याद नहीं आती? इस पर पीएम मोदी ने कहा कि जीवन की बहुत छोटी आयु में सब कुछ छोड़ दिया. इस कारण मेरे जीवन से लगाव, मोह, माया सब ख़त्म हो गया. कभी कभी माँ को यहाँ जरूर बुला लेता हूँ. लेकिन यहाँ रहते हुए भी माँ को समय नहीं दे पता, तो मुझे दुःख होता है. इसलिए मैं परिवार से दूर रहता हूँ.
अक्षय ने कहा कि आप बेहद सख्त प्रशासक माने जाते हैं. क्या आप कभी चुटकुले सुनते-सुनाते हैं? इस पर पीएम ने कहा कि पहले के पीएम सुबह जल्दी ऑफिस नहीं आते थे. दोपहर में भी निकल जाते थे. लेकिन अब मेरी टीम देखती है कि मैं लगातार ऑफिस में रहते हुए काम करता हूँ, तो उन्हें भी अहसास होता है कि जब पीएम काम कर रहे हैं, तो उन्हें भी काम करना चाहिए. मैं काम से समय काम ही करता हूँ. बेकार की बातों में समय ख़राब नहीं करता. मेरे काम के दौरान अगर कोई मोबाइल की तरफ ध्यान देता है, तो मैं पूछता हूँ कि आप क्या कर रहे हो, तो फिर वो शख्स भी आगे से ध्यान रखता है.
बात रही हंसी मजाक की, तो पहले मेरे घर में जब भी कुछ गंभीर बात होती थी, तो मैं हमेशा पूरे माहौल को हल्का कर देता था. लेकिन अब सोशल मीडिया और टीआरपी वालों के कारण छोटी सी बात को भी गंभीर बना दिया जाता है. इसलिए मज़ाक कम करता हूँ कि लोग पता नहीं क्या क्या सोच लें. मैं विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ भी दोस्ती निभाता हूँ.
एक बार गुलाम नबी आज़ाद और मैं साथ में थे, तो मीडिया वालों ने पूछा कि आप दोनों अलग अलग पार्टियों और सोच के बाद भी साथ में हो, तो गुलाम ने कहा कि हम दोस्त भी हैं. ममता बनर्जी जी आज भी मुझे साल में एक-दो कुर्ते भेजती हैं. मुझे मिठाई भी भेजी जाती है.
अक्षय ने पूछा कि आपका बैंक बैलेंस कितना है? तो उन्होंने बताया कि बचपन में देना बैंक की ओर से मुझे और मेरे स्कूल के साथियों को गुल्लक दिया गया. बैंक वालों ने कहा कि इसमें पैसे डालना. लेकिन मेरे पास पैसे थे ही नहीं. हालाँकि मेरा बैंक अकाउंट खुल गया. फिर 30 साल बाद बैंक वाले आये और उन्होंने बताया कि मेरा बचपन का बैंक अकाउंट अभी तक खुला है, इसे बंद करने के लिए सिग्नेचर कर दीजिये. जब मैं गुजरात में सीएम पद से निकल कर प्रधानमंत्री बना, तो मैंने अपने बैंक खाते में जमा पैसों में 21 लाख रुपये अपने छोटे कर्मचारियों की बेटियों के नाम कर दिए.
इस पर अक्षय ने कहा कि आप ने अपना सब कुछ दे दिया, तो आप गुजराती ही हैं या नहीं. एक चुटकुला सुनाता हूँ. एक मरते हुए गुजराती ने पूछा कि मेरा बीटा, बेटी और पत्नी कहाँ हैं, सबने कहा आपके पास हैं, तो उसने कहा कि दूकान पर कौन हैं.
पीएम ने रेल आई. उसमें कुछ लोग सो रहे थे. उसने बाहर कि तरह निकल कर पूछा कि कौन सा स्टेशन आया. बाहर से किसी ने आवाज़ दी कि चार आने दो तो बताता हूँ. फिर वो आदमी बोला कि मैं समझ गया कि अहमदाबाद आ गया है.
एक दिन जब आप रिटायर होंगे, तो क्या करेंगे. इस सवाल पर मोदी ने कहा कि हमारी एक मीटिंग चल रही थी, जिसमें सबसे कम उम्र का मैं था. बाकी सब सीनियर थे. उसमें सवाल आया कि रिटायरमेंट के बाद सब क्या करेंगे. मैंने कहा कि मेरे लिए तो बड़ा कठिन है, क्योंकि मुझे कुछ और नहीं आता है. मुझे जो जिम्मेदारी दी गयी, बस उसे ही निभाया है. इसलिए मुझे चिंता नहीं. बाद में भी जीवन किसी न किसी लक्ष्य के साथ ही निभाऊंगा.
जब आप सीएम से पीएम बने, तो यहाँ क्या लेकर आये. इस सवाल पर पीएम ने कहा कि मैं लम्बे अरसे तक सीएम रहा. मुझे बारीकियों से काम करने का मौका मिला. ये लम्बा तजुर्बा शायद किसी और पीएम को नहीं मिला. देवगौड़ा साहब सीएम रहे, लेकिन बहुत लम्बे समय तक नहीं, इसलिए सबसे ज्यादा फायदा मुझे मिला.
अक्षय ने पूछा कि आप सिर्फ साढ़े तीन घंटे ही क्यों सोते हैं. तो मोदी ने कहा कि एक बार राष्ट्रपति ओबामा ने भी मुझसे कहा कि तुम इतना कम क्यों सोते हो. वो जब भी मुझसे मिलते तो ऐसा जरूर कहते. लेकिन यह मेरी आदत हो गयी है, इसलिए अब मुझे तीन, साढ़े तीन घंटे की ही नींद चाहिए होती है. यह धीरे धीरे मेरे भीतर डेवलप हुआ है. रिटायरमेंट के बाद मैं इस बारे में सोचूंगा.
आपको जब जुकाम होता है, तो क्या करते हैं. पीएम ने कहा कि मेरा बीता जीवन इतना कठिन रहा है कि इन सब चीज़ों का मुझपर असर ही नहीं होता है. मुझे जब पहले पैर पर दर्द होता था मैं गमछा लेकर पैर में बांधता था. जुकाम में गर्म पानी पीता हूँ. संभव हो तो व्रत रखता हूँ. सरसों का तेल गर्म करके रात को नाक में डाल देता हूँ. ये सब मेरी आदत में शामिल है.
अक्षय ने बताया कि 7 बजे नाश्ता, 12 बजे खाना, 5 बजे रात का डिनर और हर बार खाने को 40 बार चबाने की आदत है. इस पर मोदी ने कहा कि यह देश के किसान का भी तरीका है और सबसे अच्छा है.
अपने फैशन पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सीएम रहने तक अपने कपड़े खुद धोता था. फिर मैं सोचता कि लम्बी बांह वाले कपड़े पहनने से वह जल्दी गन्दी हो जाते थे, तो मैं अपने कपड़ों की बांह काट लेता था. बचपन में लोटे में गर्म कोयला भरकर कपड़ों को प्रेस करता था. बचपन के जूते नहीं थे, तो एक बार मामा जी ने जूते दिए. मैंने देखा कि जूते गंदे हो जाते थे, तो मैंने स्कूल में मिलने वाली चाक से जूते को सफ़ेद करना शुरू कर दिया. किसी के प्रति असम्मान न जाहिर करने के लिए ही मैं घड़ी ऐसे पहनता हूँ कि उन्हें ये न लग पाए कि
सोशल मीडिया देखने के सवाल पर पीएम मोदी ने अक्षय से कहा कि आपकी पत्नी ट्विंकल ट्विटर पर जो मुझ पर गुस्सा निकालती हैं, तो उससे आपको आराम रहता होगा. उनका सारा गुस्सा मुझपर ही निकलता है. ट्विंकल जी के नाना चुन्नी भाई से मेरी मुलाकात हो चुकी है. एक बार गुजरात में अकाल पड़ा, तो हम छाछ देकर लोगों की मदद करते थे. एक ऐसे ही कार्यक्रम में उनके नाना से मेरी मुलाकात हुई थी.
उन्होंने कहा कि मुझपर बने मज़ाक मुझे पसंद हैं. ऐसे मज़ाक में मैं अपने पर हुई बातें नहीं, बल्कि उन लोगों की क्रिएटिविटी देखता हूँ. इसमें मुझे मज़ा आता है. उन्होंने कहा कि मेरी माता जी मुझे आज भी पैसे देती हैं. जब भी मिलने जाता हूँ तो वो सवा रुपये मेरे हाथ में देती हैं. मेरे परिवार का कोई खर्चा सरकार की ओर से नहीं दिया जाता है.
पीएम ने बताया कि बचपन ने वो संघ की शाखों में जाते थे, जिसमें वैज्ञानिक खेल होते थे, जिससे टीम स्प्रिट पैदा होती थी. खेल खेल में ही मैंने बहुत कुछ सीखा. उसका फायदा आज भी मुझे हो रहा है. मैं योग से भी जुड़ा हूँ. बचपन में गुल्ली डंडा खेलता था. तालाब में तैरने का काफी शौक रहा है.
पहले भाषण के अनुभव पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूनाइटेड नेशन की पहली स्पीच के वक़्त सुषमा जी चाहती थीं कि आपको पढ़कर बोलना होगा, जबकि मेरी ये आदत नहीं थी. लेकिन सुषमा जी नहीं मानी, तो मुझे भाषण को देखकर ही बोलना पड़ा.
अपने दोस्त दशरथ के बारे में पीएम ने बताया कि उसके पिता थिएटर के बाहर सामान बेचते थे. उनकी वजह से मुझे फ्री में फिल्म देखने का मौका मिलता था. एक बार अमिताभ जी के साथ और एक बार अनुपम जी के साथ फिल्म देखी है.