पहली बार मायावती के लिए नर्म होते दिखे पीएम नरेंद्र मोदी

मऊ। यूपी के मऊ में पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार बीएसपी प्रमुख मायावती को लेकर थोड़े नर्म दिखे। उन्होंने जिस तरह सपा, कांग्रेस पर हमले किए, उसके मुकाबले मायावती से सिर्फ सवाल पूछे।

मऊ में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सपा-बसपा ने यहां से ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया है, जो बलात्कार के आरोप में भगोड़ा है। समाजवादी पार्टी का तो इतिहास यूपी के लोग जानते हैं, लेकिन बहन जी, क्या आप ऐसे उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेगी?

मऊ में पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण

देश इन महामिलावटी दलों की सच्चाई पहले दिन से जानता है। देश को पता है कि मोदी हटाओ का नारा तो बहाना था। असल में इन्हें अपने भ्रष्टाचार के पाप को छुपाना था! इसलिए ये जैसे-तैसे कोशिश कर रहे थे कि देश में एक खिचड़ी सरकार बन जाए।

यहां उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा ने जाति के आधार पर एक अवसरवादी गठबंधन करने की कोशिश की। लखनऊ में एसी कमरे में बैठकर ऊपर-ऊपर से तो डील हो गई। लेकिन जमीन से कटे हुए ये नेता अपने कार्यकर्ताओं को ही भूल गए।

नतीजा ये कि सपा और बसपा के कार्यकर्ता आज भी एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं। इन लोगों ने कुछ जातियों को अपना गुलाम समझ लिया था।

2014 में पहली बार समझाने के बाद 2017 में दूसरी बार समझाने के बाद अब 2019 में उत्तर प्रदेश इन दलों को थोड़ा ठीक से समझाने जा रहा है कि जातियां आपकी गुलाम नहीं हैं।

बुआ हों या बबुआ हों, इन लोगों ने गरीबों से खुद को दूर कर लिया है। अपने आसपास इन लोगों ने पैसे, वैभव, बाहुबल, दरबारियों की इतनी ऊंची दीवार खड़ी कर ली है कि इन्हें गरीबों का सुख-दुःख नजर नहीं आता।

एक तरफ आपका ये सेवक देश की बेटियों को सशक्त करने में जुटा है, वहीं ये महामिलावटी वोट के लिए बेटियों का अपमान करते हैं।

मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के नर्क से मुक्ति दिलाने का बीड़ा भी हमारी सरकार ने उठाया। लेकिन इन महामिलावटी लोगों ने मिलकर मुस्लिम बहनों-बेटियों को इंसाफ मिलने में रोड़े अटकाए।

सरकार चाहती है कि मुसलिम महिलाओं को उनकी भावनाओं के मुताबिक उनकी आस्था के दायरे में ही तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार मिले, लेकिन ये महामिलावटी दल ऐसा भी होने नहीं दे रहे।

सपा के समय यूपी में बेटियों की क्या स्थिति थी, ये सब जानते हैं। लेकिन बहन जी, महिला सुरक्षा को लेकर आपका बर्ताव भी अब सवालों के घेरे में है।

कुछ दिन पहले राजस्थान के अलवर में एक दलित बेटी के साथ गैंगरेप किया गया था। वहां बहन जी के समर्थन से कांग्रेस की सरकार चल रही है।

कांग्रेस की सरकार ने चुनाव को देखते हुए उस दलित बेटी के साथ हुए इस राक्षसी अपराध को छिपाने की कोशिश की। बहन जी सब जानती हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने के बजाय वो मोदी को गालियां देने में जुटी हैं।

महिला हितों, महिला सुरक्षा के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। आजादी के इतिहास में पहली बार, रेप केस में फांसी की सज़ा का प्रावधान इस चौकीदार ने किया है।

कमल के निशान पर बटन दबाने का मतलब है- बलात्कारियों को फांसी की सज़ा। कमल के निशान पर बटन दबाने का मतलब है- घर शौचालय, घर में पानी की सुविधा।

बहन जी ने पश्चिम बंगाल को लेकर मुझ पर निशाना साधा है। चुनाव आयोग को भी आड़े हाथों लिया है। मैं तो सोच रहा था कि जिस तरह ममता दीदी वहां पर यूपी-बिहार-पूर्वांचल के लोगों पर निशाना साध रही हैं, उन्हें बाहरी बताकर अपनी राजनीति कर रही हैं, बहन मायावती इस पर ममता दीदी को जरूर खरी-खोटी सुनाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

मुझे याद है कुछ महीना पहले जब पश्चिमी मेदिनिपुर में मेरी रैली थी तो किस तरह की अराजकता वहां टीएमसी द्वारा फैलाई गई थी। इसके बाद ठाकुरनगर में तो ये हालत कर दी गई थी कि मुझे अपना संबोधन बीच में छोड़कर मंच से हट जाना पड़ा था।

कुछ दिन पहले कूच बिहार में मेरी रैली के लिए जहां मंच बनना था, वहीं पर दीदी ने अपनी पार्टी का बड़ा सा मंच बनवा दिया था। दीदी का ये रवैया तो मैं बहुत दिन से देख रहा हूं। अब पूरा देश भी देख रहा है।

टीएमसी के गुंडों की ये दादागीरी परसों रात भी देखने को मिली है। परसों, कोलकाता में भाई अमित शाह के रोड शो के दौरान टीएमसी के गुंडों ने ईश्वर चंद विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ दिया।

ऐसा करने वालों को कठोर से कठोर सज़ा दी जानी चाहिए। वहीं, मैं ये भी कहना चाहता हूं कि ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी के विजन के लिए समर्पित हमारी सरकार उसी जगह पर पंचधातु की एक भव्य मूर्ति की स्थापना करेगी।

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