पीएम मोदी को गुयाना में मिला ‘द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ सम्मान, बोले- भारत-गुयाना की दोस्ती और मजबूत होगी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी विदेश यात्राओं में कई बार अपनी नेतृत्व क्षमता और व्यक्तित्व से सभी का दिल जीत चुके हैं। अब पीएम मोदी को उनकी गुयाना यात्रा के दौरान वहां के सर्वोच्च सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से नवाजा गया है। गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। पीएम मोदी ने इस सम्मान को भारत और उसके लोगों के प्रति समर्पण बताया और इसके लिए राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली और गुयाना के लोगों का आभार व्यक्त किया।

भारत-गुयाना संबंधों को और मजबूत बनाने का संकल्प
पीएम मोदी ने कहा, “यह सम्मान केवल मेरे लिए नहीं बल्कि भारत के हर नागरिक के लिए है। मैं आश्वस्त हूं कि आने वाले समय में भारत और गुयाना के बीच मित्रता और भी मजबूत होगी।” उन्होंने गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपने देश की अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में गुयाना तेजी से प्रगति कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “आज की बातचीत के दौरान मैंने डॉ. इरफान अली से भारत के प्रति उनके स्नेह और आदर को महसूस किया। भारत हमेशा गुयाना के साथ हर क्षेत्र में सहयोग करने के लिए तैयार है। हमारे दोनों देशों का आपसी सहयोग सिर्फ द्विपक्षीय नहीं बल्कि पूरे ग्लोबल साउथ के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।”

गुयाना की नदियों और भारत के जल स्रोतों के बीच समानता
प्रधानमंत्री मोदी ने गुयाना की प्राकृतिक धरोहर पर भी बात की और कहा, “गुयाना को ‘लैंड ऑफ मैनी वॉटर्स’ के नाम से जाना जाता है, जहां नदियां, झरने और झीलें प्रमुख हैं। ठीक उसी तरह, भारत में गंगा, यमुना और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियाँ हमारे प्राचीन सभ्यता की पहचान हैं। दोनों देशों के लिए जल न केवल एक प्राकृतिक संसाधन है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर का हिस्सा है।”

भारत ने कोविड के दौरान मदद का दिया था उदाहरण
गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली ने अपने संबोधन में भारत की मदद का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जब दुनिया के कई देशों ने कोविड-19 टीकों की आपूर्ति में देरी की, तब भारत ने 80,000 वैक्सीन्स गुयाना को भेजीं। डॉ. अली ने कहा, “भारत ने यह दिखाया कि जब भी दुनिया को मदद की जरूरत हो, भारत बिना किसी हिचकिचाहट के आगे आता है और जो कुछ भी उसके पास होता है, उसे साझा करता है।” यह भारत की मदद और एकजुटता का एक बड़ा उदाहरण था, जिसे उन्होंने सम्मानपूर्वक याद किया।

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