नई दिल्लीः केन्द्र की सत्ता में फिर से काबिज होने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक मास्टरस्ट्रोक चल दिया है. पीएम मोदी ने रविवार को रांची से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुआत की. इसे दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ योजना कहा जा रहा है. इस मौके पर मोदी ने दावा किया कि अब गरीबों को भी अमीरों की तरह स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी.
योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों यानी करीब 50 करोड़ लोगों को सालाना 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी. दरअसल मोदी सरकार की नजर उन परिवारों पर थी जो अब तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित थे. ये बड़ी आबादी गंभीर बीमारियों के इलाज का खर्च उठा पाने में सक्षम नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक देश के करीब 85.9 फीसदी ग्रामीण परिवारों और करीब 82 फीसदी शहरी परिवारों की हेल्थकेयर इंश्योरेंस तक पहुंच नहीं है.
इन्हीं वंचितों तक हेल्थ कवर पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है. माना जा रहा है कि सरकार इस योजना को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित करेगी. योजना की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर सिर्फ गरीबों पर राजनीति करने का आरोप लगाकर अपने इरादे भी जाहिर कर दिए. पीएम ने कहा कि गरीबों की आंख में धूल झोंकने वाले अगर 40-50 साल पहले गरीबों के सशक्तिकरण पर जोर देते तो आज जो हिंदुस्तान दिख रहा है वैसा नहीं होता.
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मोदी ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने सरकारी खजाने को लूटा. जाति, धर्म देखकर योजनाएं बनाईं. आयुष्मान भारत संप्रदाय, जाति, ऊंच-नीच के आधार पर नहीं होगा. मोदी ने कहा कि ये योजना कितनी बड़ी है इसका अंदाजा लगाना कठिन है. उन्होंने कहा कि पूरे यूरोपीय यूनियन के देशों की जनसंख्या, अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको की जनसंख्या से भी ज्यादा लोगों को आयुष्मान भारत योजना का फायदा मिलेगा. मोदी ने कहा कि देश में बेहतर इलाज कुछ लोगों तक सीमित न हो, सभी को इलाज मिले, इसीलिए ये योजना देश को समर्पित की जा रही है.
योजना में क्या है खास ?
देश के 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 445 जिलों में योजना लागू होने जा रही है
ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों ने अभी इसे नहीं अपनाया है
योजना के तहत 10.74 करोड़ परिवारों के करीब 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ सुविधा मिलेगी
करीब 8 करोड़ ग्रामीण परिवारों और करीब 2.4 करोड़ शहरी परिवारों को फायदा होगा
यानी देश की करीब 40 प्रतिशत आबादी मेडिकल कवर मिल जाएगा, इलाज कैशलेस होगा
लाभार्थी पैनल में शामिल सरकारी या निजी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का इलाज करा सकेंगे
योजना पर होने वाले खर्च का 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार उठाएगी
किन्हें मिलेगा फायदा ?
2011 की जनगणना में गरीब के तौर पर चिह्नित किए गए सभी लोग इसके लिए पात्र हैं
बीमा कवर के लिए उम्र की कोई बाध्यता नहीं, न ही परिवार के आकार से कोई फर्क पड़ेगा
योजना के लिए हेल्पलाइन नंबर 14555 भी शुरू हुआ है, इसपर सारी जानकारी मिल जाएगी।
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करीब 1300 गंभीर बीमारियों का इलाज
योजना में कैंसर जैसी 1,354 गंभीर बीमारियों को शामिल किया गया है
इनमें कैंसर सर्जरी और कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरपी, हार्ट की बाइपास सर्जरी शामिल हैं
न्यूरो सर्जरी, रीढ़ की सर्जरी, एमआरआई, सीटी स्कैन जैसी जांच भी कराई जा सकेंगी
अब तक 15,500 से ज्यादा अस्पताल इस योजना से जुड़ने के लिए आवेदन कर चुके हैं
आवेदन करने वालों में से 7,500 यानी करीब आधे प्राइवेट अस्पतालों के हैं
करीब 10 हजार अस्पतालों को इस योजना के लिए चुना जा चुका है
इन राज्यों में योजना लागू नहीं
दिल्ली, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल, तेलंगाना और पंजाब ने अभी इस योजना के लिए केंद्र के साथ समझौता नहीं किया है.