तीन राज्यों में चुनावों में हार के बाद बीजेपी (bjp) अब सीधे कांग्रेस के गढ़ में घेरना शुरु कर दिया है। 2014 में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों पर सीमित करने वाली बीजेपी की नजर अब अमेठी और रायबरेली पर है। जिसके लिए नरेंद्र मोदी (narendra modi) पहली बार रायबरेली (raibareli) आकर जोरदार भाषण दिया। जिसे लोकसभा चुनाव (loksabha election 2019) से पहले माहौल बनाने की तैयारी माना जा रहा है।
सियासत का नया गढ़ रायबरेली
कांग्रेस परिवार के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में से एक रायबरेली अब सियासी घमासान का केंद्र बनने वाली है। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस को घेरने की ये पहली कोशिश है। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी का लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आना राजनीतिक तौर पर बड़ा कदम माना जा रहा है। क्योंकि अगर रायबरेली का किला ऐन केन प्रकारेण फतेह हो गया तो बीजेपी नया इतिहास लिखने में कामयाब हो जाएगी।
रेल कोच फैक्ट्री के बहाने साधे समीकरण
यूं तो पीएम मोदी आधुनिक रेल कोच फैक्ट्री देखने आए थे। लेकिन सियासी रणनीतिकारों की मानें तो पीएम का यह दौरा लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र ही था। इसके साथ ही बीजेपी कांग्रेस की काट और बड़े चेहरे के साथ रायबरेली में उतरने की कवायद करेगी। जिसकी तलाश शुरु हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो आम आदमी पार्टी छोड़ चुके कवि कुमार विश्वास को बीजेपी यहां से उतार सकती है।
दिनेश सिंह पर लगा सकते हैं दांव
चर्चा है कि यहां तक है कि भाजपा सोनिया के करीबी रहे कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दिनेश सिंह को उन्हीं के खिलाफ हथियार बना सकती है. जिनको खुद अध्यक्ष अमित शाह रायबरेली आकर उनके भाई समेत पार्टी में शामिल कराया था।