VIDEO: POK के प्रधानमंत्री के इस बयान पर हिंदुस्तान सिर्फ हंस सकता है….आप भी पढ़ें

नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर ने भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। वह चाहते हैं कि पाकिस्तान की सेना भारत पर हमला बोल दे। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को संदेश दिया है कि पाकिस्तानी सेना को भारत पर धावा बोलने का आदेश दे दिया जाए। भारत पीओके के मौसम की रिपोर्ट दे रहा है। समय आ गया है कि पाकिस्तान दिल्ली पर भी अपडेट देना शुरू कर दे। कोरोना वायरस महामारी के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) से लगे गांवों का दौरा करते हुए फारूक हैदर ने मीडिया से ये बातें कहीं। हैदर ने कहा कि पाक पीएम इमरान खान को अब प्रतिक्रिया देनी चाहिए और कुछ मजबूत कदम उठाने चाहिए। केवल मौखिक बयानबाजी से काम नहीं चलेगा।

उन्होंने कहा कि भारत पीओके पर मौसम के बारे में खबरें दे रहा है, हमें दिल्ली पर अपडेट देना शुरू करना चाहिए। भारतीय मौसम विभाग के पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के क्षेत्रों को अपने मौसम पूर्वानुमान में शामिल करने के फैसले के मद्देनजर हैदर की “मौसम अपडेट” वाली टिप्पणी आई है। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके तहत यह स्पष्ट संकेत दे दिया गया है कि गिलगित बाल्टिस्तान सहित सभी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भारत का एक अविभाज्य और अभिन्न अंग है।

भारत के इस कदम से बिलबिला गया था पाकिस्तान

पाकिस्तान की सरकारी मीडिया ने बीते रविवार को जम्मू-कश्मीर के मौसम की विस्तृत जानकारी देने की शुरुआत की। यह कदम भारत द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मौसम का पूर्वानुमान जारी करने की शुरुआत के कुछ दिन बाद उठाया गया। सरकारी रेडियो पाकिस्तान ने रविवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और बारिश की संभावना है। इसके साथ ही श्रीनगर, पुलवामा, जम्मू और लद्दाख के अधिकतम और न्यूनतम तापमान की भी जानकारी दी गई है। रेडियो पाकिस्तान कश्मीर की खबरों को विशेष स्थान देता है और उसकी वेबसाइट जम्मू-कश्मीर की खबरों को समर्पित है। सरकारी पाकिस्तान टेलीविजन भी जम्मू-कश्मीर की खबरों को लेकर विशेष बुलेटिन प्रसारित करता है।

नक्शे पर भी छिड़ी थी जंग

इससे पहले पाकिस्तान मानचित्र को लेकर भी भारत पर हमला कर चुका है। पाक के विदेश विभाग ने अपने बयान में कहा कि पिछले साल भारत द्वारा जारी ‘राजनीतिक मानचित्र’ की तरह इस कदम की भी कोई कानूनी मान्यता नहीं है और यह वास्तविकता के विपरीत और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्ताव का उल्लंघन है। गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल नवंबर में नया मानचित्र जारी किया था जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर घाटी को नवगठित जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के हिस्से के तौर पर दिखाया गया है।

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