पीओके (PoK) में अक्सर ही अशांति छाई रहती है। समय-समय पर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में असंतोष की भावना देखने को मिलती है। यूँ तो पीओके में विद्रोह काफी समय से चल रहा है, पर पिछले कुछ समय से यह बढ़ गया है। पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बगावत के सुर तेज़ हो गए हैं। लोग खुलकर पाकिस्तान सरकार और सेना का विरोध कर रहे हैं। इससे पीओके में पाकिस्तान की वर्तमान कार्यवाहक सरकार के नेताओं में भी चिंता बढ़ रही है। साथ ही सरकार और सेना के लिए भी यह चिंता की बात है, क्योंकि बगावती सुर कम होने का नाम नहीं ले रहे।
पीओके में बगावती सुर काफी तेज़ हो गए हैं और इसका सबसे ज़्यादा असर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में देखने को मिल रहा है। इन दोनों प्रांतों में लंबे समय से पाकिस्तानी सरकार और सेना का विरोध देखने को मिला है। पिछले कुछ महीनों में यह विरोध और भी बढ़ गया है। नौबत तो यहाँ तक आ गई है कि इन दोनों प्रांतों के लोग पाकिस्तान से आज़ादी की मांग उठा रहे हैं।
पीओके में बगावत की वजह है पाकिस्तानी सरकार द्वारा अनदेखी। लोगों का मानना है कि पाकिस्तानी सरकार को पीओके पर कब्ज़ा होने पर गर्व तो है, पर पीओके लो जनता की बिल्कुल भी चिंता नहीं है। वहीं पाकिस्तानी सेना भी अक्सर ही बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में जनता पर अत्याचार करती है। रही-सही कसार पाकिस्तान में वर्तमान में चल रहे हालात की वजह से पूरी हो जाती है। पाकिस्तान में इस समय काफी खराब आर्थिक स्थिति चल रही है। इस मुश्किल समय में पाकिस्तान की जनता काफी परेशान है और इस बात से भी बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा की जनता बेहद ही नाराज़ है। साथ ही उन्हें सरकार की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिल रही है।