लोकसभा चुनाव के समर में अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नाम भी उछल आया है, जिसके बाद से कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग फिर से शुरू हो गई है। असल में बुधवार को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जब गुजरात में चुनाव आ रहे थे, तब वे लोग घबरा रहे थे कि कहीं कांग्रेस सरकार गुजरात में न बन जाए।
अशोक गहलोत ने कहा, ‘मेरा ऐसा मानना है कि रामनाथ कोविंद जी को राष्ट्रपति इसलिए बनाया ताकि जातीय समीकरण बैठ जाएं। इसी वजह से आडवाणी साहब (राष्ट्रपति बनने से) छूट गए।’
गहलोत के इस बयान का जवाब देने के लिए बीजेपी नेता जीवीएलएन राव आगे आए। उन्होंने बीजेपी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कहा कि आज हम बहुत दुःख के साथ ये बात पूरे देश के सामने रखना चाहते हैं कि आज कांग्रेस पार्टी ने बहुत ही निचले स्तर पर जाकर चुनावी मर्यादा का उल्लंघन किया है। भारत के राष्ट्रपति, जो देश में सर्वोच्च पद है, उस पद पर भी कांग्रेस ने राजनीति करने की कोशिश की है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के राष्ट्रपति जी को लेकर गलत बयानबाजी की है।
उन्होंने कहा कि ये बहुत ही निचले स्तर की हरकत है। हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हम चुनाव आयोग से अपील करते हैं कि देश के राष्ट्रपति पर इस तरह का बयान देने के मामले पर वह संज्ञान ले और अशोक गहलौत को नोटिस दें और उन्हें माफ़ी मांगने के लिए कहे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस क्या गरीब तबके, दलित समाज से आने वाले राष्ट्रपति जी के खिलाफ है। एक काबिल व्यक्ति और ज्ञानी व्यक्ति होने के बावजूद केवल समाज का नाम लेकर कांग्रेस राष्ट्रपति जी के साथ पूरे समाज और देश को बदनाम कर रही है।