पोप फ्रांसिस ने केरल के जॉर्ज जैकब कूवाकाड को बनाया कार्डिनल, पीएम मोदी बोले- यह भारत के लिए गर्व की बात

पोप फ्रांसिस ने हाल ही में केरल के आर्कबिशप जॉर्ज जैकब कूवाकाड को कैथोलिक चर्च के उच्चतम पदों में से एक, यानी कार्डिनल के रूप में नियुक्त किया है। यह खबर भारत के लिए गर्व का पल बन गई है, क्योंकि इससे न सिर्फ भारतीय कैथोलिक समुदाय की पहचान को मजबूती मिली है, बल्कि वेटिकन में भारत का प्रतिनिधित्व भी बढ़ा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विशेष अवसर पर आर्कबिशप कूवाकाड को बधाई दी और ट्वीट करके कहा कि पोप फ्रांसिस द्वारा जॉर्ज जैकब कूवाकाड को पवित्र रोमन कैथोलिक चर्च का कार्डिनल बनाए जाने पर उन्हें बेहद खुशी हुई है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कूवाकाड ने अपनी पूरी जिंदगी मानवता की सेवा में समर्पित कर दी है और वह ईसाई धर्म के एक श्रद्धालु अनुयायी के रूप में हमेशा दूसरों की भलाई के लिए काम करते रहे हैं। पीएम मोदी ने कूवाकाड के भविष्य के प्रयासों के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।

भारत सरकार का प्रतिनिधिमंडल वेटिकन में

इस ऐतिहासिक समारोह को भारत सरकार ने केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भेजकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर भारतीय पादरी जॉर्ज जैकब कूवाकाड की कार्डिनल के रूप में नियुक्ति हुई। समारोह के बाद, प्रतिनिधिमंडल ने पोप फ्रांसिस से भी मुलाकात की और भारतीय कैथोलिक समुदाय के लिए इस महत्वपूर्ण अवसर का जश्न मनाया।

भारत में कार्डिनल की संख्या हुई छह

जॉर्ज कूवाकाड की नियुक्ति के बाद अब भारत में कार्डिनल की संख्या छह हो गई है। इससे वेटिकन में भारत का प्रतिनिधित्व और भी मजबूत हुआ है, जिससे भारतीय कैथोलिक समुदाय की आवाज और प्रभाव बढ़ेगा। कूवाकाड की नियुक्ति न केवल एक सम्मान है, बल्कि यह भारत के धार्मिक विविधता और संस्कृति की भी एक महत्वपूर्ण मान्यता है।

पोप फ्रांसिस का भारत दौरा हो सकता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्योता भेजा था, और अब यह संभावना जताई जा रही है कि वह अगले साल भारत दौरे पर आ सकते हैं। केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी कि पोप फ्रांसिस का भारत दौरा जल्द हो सकता है। हालांकि, इस यात्रा की तारीखों का अभी तक ऐलान नहीं किया गया है।

2025 में होने वाली जुबली ईयर के दौरान हो सकता है दौरा

इसके अलावा, कैथोलिक चर्च ने साल 2025 को जुबली ईयर के रूप में घोषित किया है, जिससे इस वर्ष पोप फ्रांसिस का भारत आना और भी संभावना बनता है। पीएम मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान भी पोप फ्रांसिस को भारत आने का आमंत्रण दिया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पोप फ्रांसिस इस आमंत्रण को स्वीकार करते हुए भारत की यात्रा करते हैं या नहीं।

कूवाकाड का योगदान और कैरियर

जॉर्ज जैकब कूवाकाड, जो केरल के निवासी हैं, एक बहुत ही सम्मानित धार्मिक नेता रहे हैं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मानवता की सेवा में समर्पित की है। उन्होंने हमेशा समाज में अच्छे कार्यों को बढ़ावा दिया और मानवता की सेवा को अपनी प्राथमिकता बनाई। उनका यह पद, कार्डिनल, न केवल उनके अपने प्रयासों की सराहना है, बल्कि यह भारत के धार्मिक समुदाय की भी सराहना है।

केरल का धार्मिक योगदान

केरल, जो अपने विविध धर्मों और संस्कृतियों के लिए जाना जाता है, ने हमेशा ही भारतीय समाज में धार्मिक सहिष्णुता और सद्भाव का संदेश दिया है। जॉर्ज कूवाकाड की नियुक्ति से यह संदेश और भी मजबूत होता है कि भारत में धार्मिक विविधता का सम्मान किया जाता है और हर धर्म को बराबरी का दर्जा मिलता है। इस नियुक्ति से भारत का धार्मिक नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सकारात्मक संदेश जाएगा।

कूवाकाड की नियुक्ति से भारत के कैथोलिक समुदाय को एक नई दिशा और पहचान मिल सकती है। उनके नेतृत्व में भारतीय पादरी और ईसाई समुदाय वेटिकन में अपनी आवाज और प्रभाव को और मजबूत कर सकते हैं। यह भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को और भी समृद्ध बना सकता है। कूवाकाड की कार्डिनल के रूप में नियुक्ति से उनकी मेहनत और संघर्ष को मान्यता मिली है, और अब वह भारतीय कैथोलिक समुदाय का एक मजबूत प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं।

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