उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला में सोमवार को मौनी अमावस्या के दिन एक बड़ी घटना घटी। भीड़ में हुई अफरा-तफरी के कारण 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं की जान चली गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई और प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। हालांकि, इस हादसे के बाद कुंभ मेला के SSP राजेश द्विवेदी ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि इस हादसे का कारण भगदड़ नहीं, बल्कि सिर्फ भीड़भाड़ थी।
SSP राजेश द्विवेदी का बयान: कोई भगदड़ नहीं थी, सिर्फ भीड़भाड़ थी
महाकुंभ में हुए हादसे पर SSP राजेश द्विवेदी ने साफ कहा कि यह कोई भगदड़ नहीं थी, बल्कि स्थिति सिर्फ इतनी थी कि श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा होने के कारण कुछ लोग घायल हुए। उन्होंने कहा, “स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि कई घाटों को और अधिक विकसित किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी न हो और वे आसानी से स्नान कर सकें।
राजेश द्विवेदी ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि उनके पास इस हादसे में घायलों या हताहतों की सटीक संख्या नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और सभी सुरक्षा उपायों को लागू किया जा रहा है।
DIG वैभव कृष्ण का बयान: 10 करोड़ श्रद्धालुओं की उम्मीद के कारण हादसा हुआ”
महाकुंभ के DIG वैभव कृष्ण ने भी इस हादसे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “10 करोड़ से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद थी, और यह भारी संख्या ही इस घटना का मुख्य कारण बनी।” उन्होंने आगे कहा कि पुलिस और प्रशासन ने अखाड़ों के पारंपरिक जुलूसों में श्रद्धालुओं की मदद की है। साथ ही, स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया।
वैभव कृष्ण ने बताया कि इस घटना की जांच की जा रही है और पूरी स्थिति को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश की जा रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की बैठक
हादसे के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में उन्होंने बताया कि कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स फांदकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, जिस कारण हादसा हुआ। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया और उनकी उचित चिकित्सा व्यवस्था की गई है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रातः काल से ही श्रद्धालु संगम में स्नान कर सकें, इसके लिए उच्च स्तरीय बैठक की जा रही है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है।”
हादसे के कारण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के कारण को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि रात के समय स्नान के दौरान कुछ श्रद्धालुओं ने बैरिकेड्स को पार करने की कोशिश की, जिसके कारण भारी भीड़ और अफरा-तफरी मच गई। प्रशासन की तरफ से सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं और अब स्थिति को काबू में लाया जा रहा है।
महाकुंभ का महत्व और संभावित श्रद्धालु संख्या
महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए आते हैं। मौनी अमावस्या का स्नान महाकुंभ का सबसे पवित्र और बड़ा स्नान माना जाता है। सरकार के मुताबिक, इस दिन करीब आठ से दस करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने की संभावना है। अमृत स्नान (पूर्व में शाही स्नान) का मुख्य आकर्षण अखाड़ों के साधुओं का स्नान होता है।
प्रशासन की तैयारी
महाकुंभ की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कड़ी व्यवस्था की है। मेला क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा, हेलिकॉप्टर और ड्रोन के जरिए मेला क्षेत्र पर निगरानी रखी जा रही है। सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।