‘राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा हुआ’, राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में सरकार के 10 साल के कामकाज का दिया हिसाब

‘राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा हुआ’, राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में सरकार के 10 साल के कामकाज का दिया हिसाब

नई दिल्ली। आज से संसद के बजट सत्र का आगाज हो गया है। लेकिन उससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों को संबोधित किया। राष्ट्रपति मोदी सरकार के 10 साल के कामकाज के बारे में बताया। बजट सत्र की शुरुआत में अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने राम मंदिर निर्माण, वंदे भारत एक्सप्रेस, आतंकवाद, महिला आरक्षण समेत सरकार की बड़ी उपलब्धियों के बारे में बताया। बता दें कि इस साल लोकसभा चुनाव होने है ऐसे में मोदी सरकार का ये अंतरिम बजट है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में कल बजट पेश करेगी। इस बार बजट सत्र 31 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा।

राष्ट्रपति ने कहा, ”आतंकवाद हो या विस्तारवाद, हमारी सेनाएं आज ‘जैसे को तैसा’ की नीति के साथ जवाब दे रही हैं। जम्मू कश्मीर में आज सुरक्षा का वातावरण है। आज वहां हड़ताल का सन्नाटा नहीं, भीड़भाड़ बाजार की चहल-पहल है। नॉर्थ-ईस्ट में अलगाववाद की घटनाओं में भारी कमी आई है।”

संसद में अपने अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ”बीते वर्षों में विश्व ने दो बड़े युद्ध देखे और कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का सामना किया। ऐसे वैश्विक संकटों के बावजूद मेरी सरकार ने देश में महंगाई को काबू में रखा, सामान्य भारतीय का बोझ नहीं बढ़ने दिया।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, बीता वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है। भारत सबसे तेजी से विकसित होती बड़ी अर्थव्यवस्था बना। लगातार दो तिमाही से भारत की विकास दर 7.5% से ज्यादा रही है…भारत को अपना सबसे बड़ा समुद्री पुल अटल सेतु मिला। भारत को अपनी पहली नमो भारत ट्रेन और पहली अमृत भारत ट्रेन मिली…भारत की एयरलाइन कंपनी ने दुनिया की सबसे बड़ी एयरक्राफ्ट डील की:

हम सभी बचपन से गरीबी हटाओ के नारे सुनते आ रहे हैं लेकिन अब हम बड़े पैमाने पर गरीबी को दूर होते देख रहे हैं। नीति आयोग के अनुसार मेरी सरकार के एक दशक के कार्यकाल में लगभग 25 करोड़ देशवासी गरीबी से बाहर निकले हैं-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

बजट सत्र की शुरूआत में अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “…अमृतकाल की शुरुआत में यह भवन बना है, यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की महक भी है… मुझे पूरा विश्वास है कि इस नए भवन में नीतियों पर सार्थक संवाद होगा। ऐसी नीतियां जो आज़ादी के अमृत काल में विकसित भारत का निर्माण करेंगी।”

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