कानपुर: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द दिल्ली के सफदरगंज स्टेशनसे प्रेसिडेंशियल ट्रेन से तीन दिवसीय प्रवास पर कानपुर पहुंचे. इस दौरान राष्ट्रपति कोविंद का राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया. इस यात्रा में राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता कोविन्द भी मौजूद हैं. यहां से वह सर्किट हाउस पहुंच गए हैं और रात्रि में यही विश्राम करेंगे. इससे पहले झींझक में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा कि कहा कि यह दूरियां केवल प्रोटोकॉल की वजह से हैं. दिल से मैं आप लोगों के काफी करीब हूं. फर्क सिर्फ इतना है मैं इस कतार में सबसे आगे हूंए इसलिए देश का पहला नागरिक हूं.
राष्ट्रपति ने कहा कि झींझक की गलियां , स्टेशन याद हैं. यहां घंटों ट्रेन का इंतजार करता था. जब मैं परौंख (Paraunkh) से खानपुर (Khanpur) होकर जाता था तो झींझक में मिठाई की दुकान थी वो मुझे आज भी याद है. अपने मित्रों को याद करते हुए वे बोले कि मेरे मित्र थे. एक बाबूराम वाजपेयी जीए जिनका मकान यहीं पीछे है. दूसरे रसूलाबाद के रामविलास त्रिपाठी जी. इन दोनों की तरह ऐसे अनेक हमारे अपने लोग हमसे बिछड़ गए. वहीं कुछ अपने इस अ²श्य बीमारी कोरोना के कारण हमें छोड़कर चले गए. ऐसे सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मैं 2019 से अपनी जमीन पर आने की सोच रहा था अब आया हूं. अपनों के बीच आने की खुशी को मैं चंद शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं. दोस्तों और परिवार से मिलने का जो सुख है वो मैं यहां आकर महसूस कर पा रहा हूं.
लंबे अंतराल के प्रेसिडेंशियल ट्रेन के चलने पर उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने कहा कि ये हमारे लिए गौरव की बात है कि राष्ट्रपति 15 साल के अंतराल के बाद ट्रेन से सफर कर रहे हैं. उनकी ये यात्रा दिल्ली से कानपुर होते हुए लखनऊ की है. आज ये ट्रेन कानपुर जाएगीए उसके बाद दो दिन के कानपुर प्रवास के बाद ये ट्रेन लखनऊ जाएगी.