समय सच में हमारे लिए एक पहेली जैसा है। हम कुछ भी करें या कुछ भी चाहें, यह अपने आप बढ़ता रहता है। ऐसा प्रतीत होता है कि अभी कुछ ही क्षण की ही पहले की बात है जब मैं इस पद (देश के राष्ट्रपति) के लिए निर्वाचि हुआ था।
जब मैं पीछे मुड़कर अतीत को देखता हूं, तो मेरे चारों ओर भावनाएं का ज्वार है । कुछ इस तरह राष्ट्रपति भवन में व्यतीत किए अपने पांच सालों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने याद किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल इसी माह 24 जुलाई को पूर्ण हो रहा है। 18 जुलाई को भारत के महामहिम का चुनाव है, जिसके लिए NDA की तरफ से द्रौपदी मुर्मू जबकि संयुक्त विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा कैंडिडेट हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं, “लगभग पांच साल पहले मैं इस सबसे भव्य स्मारक (राष्ट्रपति भवन) में दाखिल हुआ था। 1940 के दशक में उत्तर प्रदेश के एक गांव में पले-बढ़े किसी व्यक्ति के लिए, राष्ट्रपति भवन की भव्यता अलग तरह की हो सकती थी, लेकिन मुझे मालूम था कि यह केवल किसी व्यक्ति का आधिकारिक निवास नहीं है।”