सोनभद्र पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी का रोका काफिला, धरने पर बैठीं

धरने पर बैठीं प्रियंका
धरने पर बैठीं प्रियंका

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 17 जुलाई को जमीनी विवाद के चलते हुई गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंचीं। प्रियंका गांधी के काफिले को शुक्रवार को नारायणपुर पुलिस स्टेशन के पास रोक दिया गया। यहां बीएचयू के ट्रामा सेंटर अस्पताल जाकर उन्होंने सोनभद्र हत्याकांड में गंभीर रूप से घायल लोगों से मिल कर उनका हाल जानने की कोशिश कीं। इसके बाद सोनभद्र जाने के लिए उनका काफिला रवाना हुआ लेकिन मिर्जापुर जिले के नारायणपुर में कमिश्नर मिर्जापुर के निर्देशों पर उनके काफिले को रोक दिया गया। इसके बाद वह मिर्जापुर की नरायणपुर पुलिस चौकी के सामने वह सड़क पर धरने पर बैठ गई हैं। सोनभद्र जिलाधिकारी ने धारा 144 का हवाला दिया है।

बतादें कि, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के उभभा गांव में जमीन को लेकर काफी लंम्बे समय से दो पक्षों में विवाद चल रहा था। यह विवाद ग्राम प्रधान और ग्रामीणों के बीच चल रहा था। दोनो पक्षों की इस लड़ाई में एक ही पक्ष के 9 लोगों की मौत हो गई , वहीं 25 लोग घायल हो गए। 9 लोगों की हत्या के बाद प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए वहां जा रही थीं। पीड़ित परिवारों से मिलने से रोके जाने पर नारायणपुर में धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी ने कहा, ‘हम बस पीड़ित परिवार से मिलना चाहते हैं। मैंने तो यहां तक कहा कि मेरे साथ सिर्फ 4 लोग होंगे। फिर भी प्रशासन हमें वहां जाने नहीं दे रहा है। उन्हें हमें बताना चाहिए कि हमें क्यों रोका जा रहा है। हम यहां शांति से बैठे रहेंगे।’

सोनभद्र में बाद में पुलिस ने प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया। हिरासत में लेने के बाद प्रियंका गांधी को चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया। इस दौरान कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मुझे कहां ले जा रहे हैं, लेकिन वे जहां ले जाएंगे हम जाने को तैयार हैं लेकिन हम झुकेंगे नहीं।’

दरसल, बताया जा रहा है कि, सोनभद्र जिले के उभभा गांव में ग्राम प्रधान ने 2 साल पहले 90 बीघे जमीन खरीदी थी। बुधवार को ग्राम प्रधान अपने समर्थकों के साथ उन जमीनों पर कब्जा करने पहुंचा था। ग्रामीणों ने जमीन के कब्जा करने पर रोका जिसके बाद प्रधान पक्ष ने फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में 9 ग्रामीणों की मौत हो गई जिनमें 4 महिलाएं भी शामिल हैं।

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