नई दिल्ली। बुधवार यानी आज पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए MP में स्वामित्व योजना के अंतर्गत 1.71 लाख लाभार्थियों को अधिकार रिकॉर्ड का वितरण किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामित्व योजना के लाभार्थियों के साथ वार्ता किये । इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने MP की जमकर सराहना की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ”हम टेलीविशन पर देखते हैं कि मध्य प्रदेश है, तो गजब है। मध्य प्रदेश गजब तो है ही। MP देश का गौरव भी है। MP में गति भी है और MP में विकास की ललक भी है। लोगों के हित में कोई योजना बनती है, एमपी में उस योजना को जमीन पर उतारने के लिए दिन-रात एक कर दिया जाता है।”
मुद्रा योजना में भी लोगों को अपना कार्य प्रारम्भ करने के लिए बैंकों से बिना गारंटी ऋण का अवसर दिया है। इस योजना के तहत पिछले 6 सालो में करीब 29 करोड़ ऋण दिए गए हैं, करीब 15 लाख करोड़ रुपये की ऋण राशि दी गई है।
कोरोना काल के बाद भी अभियान चलाकर हमने 2 करोड़ से ज्यादा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी दिए हैं। पशुपालन और मछली पालन करने वालों को भी इस योजना से हमने जोड़ा है।
बीते 6-7 सालों से हमारी सरकार के प्रयासों को देखें, तो हमने प्रयास किया है कि गरीब को किसी तीसरे व्यक्ति के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़े। आज खेती की छोटी-छोटी अवश्क्ताओ के लिए PM किसान सम्मान निधि के तहत सीधे किसानों के बैंक खातों में राशि भेजी जा है।
स्वामित्व योजना, सिर्फ कानूनी दस्तावेज देने की योजना नहीं है, बल्कि ये आधुनिक तकनीक से देश के गांवों में विकास और विश्वास का नया मंत्र भी है। ये जो गांव-मोहल्ले में ड्रोन उड़ रहा है, वो भारत के गांवों को नई उड़ान देने वाला है।
देशभर के गांवों को, गांवों की प्रॉपर्टी को, जमीन और घर से जुड़े अभिलेखों को अनिश्चितता और अविश्वास से निकालना बहुत आवश्यक है। इसलिए प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना, गांव के हमारे भाइयों और बहनों की बहुत बड़ी ताकत बनने जा रही है।
आज मुझे लोगों की सेवा करते हुए 20 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। मैं जब पहली बार मुख्यमंत्री बना तो उसके पश्चात पहला कार्यक्रम गरीब कल्याण मेला था। आज 20 वें साल के अंतिम दिन भी मैं गरीबों के लिए आयोजित कार्यक्रम में जुड़ा हूं।
हमने कोरोना काल में देखा है कि कैसे देशभर के गांवों ने मिलकर एक लक्ष्य पर कार्य किया, बहुत सतर्कता के साथ इस महामारी का सामना किया। बाहर से आए लोगों के लिए रहने के अलग इंतजाम हों, भोजन और काम की व्यवस्था हो, टीकाकरण से जुड़ा काम हो, भारत के गांव बहुत आगे रहे।
प्रारंभिक चरणों में स्वामित्व योजना को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक और राजस्थान के कुछ गांवों में लागू किया गया था। इन प्रदेशो के गांवों में रहने वाले करीब 22 लाख परिवारों के लिए प्रॉपर्टी कार्ड तैयार हो चुका है।
आज मध्यप्रदेश के 3,000 गांवों के 1.70 लाख से ज्यादा परिवारों को मिला प्रॉपर्टी कार्ड उनकी समृद्धि का साथी बनेगा। ये लोग डिजि-लॉकर के माध्यम से अपने मोबाइल पर अपना प्रॉपर्टी कार्ड डाउनलोड भी कर सकते हैं।