प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लचित बोरफुकन की जयंती समारोह में किया संबोधित , असम की सुनाई वीरगाथा

Lachit Borphukan Birth Anniversary: मां भारती के वीर सपूतों में से एक महावीर लचित बरफुकन की आज 400 वीं जयंती है। उन्होंने अपने पराक्रम के बलबूते मुगलों से लड़ाई लड़ी। लाचित बरफुकन असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य में महान सेनापति थे। उन्हें 1671 के सरायघाट के युद्ध में सेना के नेतृत्व के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने कुशल मार्गदर्शन से औरंगजेब मुगल सेना का असम पर कब्जा करने की कोशिश बर्बाद कर दी थी। लाचित बरफुकन को उत्तर पूर्व भारत का शिवाजी के नाम से भी जाना जाता है।

लचित बरफुकन की जयंती के अवसर पर सम्पूर्ण देश विशेष रूप से  असम में कई प्रकार के समारोह का आयोजन किया जा रहा है। लाचित बोड़फुकन की 400 वीं जयंती वर्ष समारोह का अभिमुखीकरण पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसी वर्ष फरवरी में असम के जोरहाट में किया था। वहीं आज प्रधानमंत्री मोदी विज्ञान भवन में आयोजित इस समारोह के समापन दिवस को संबोधित किया।

वीर सपूत लचित की जयंती के समापन दिवस को संबोधित करते हुए देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें लचित बरफुकन की 400वीं जयंती मनाने का मौका ऐसे वक्त में मिला है जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। यह ऐतिहासिक क्षण है असम के इतिहास का एक गौरवपूर्ण अध्याय है।

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