ब्रूनेई पहुंचे पीएम मोदी, क्राउन प्रिंस ने किया शाही स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रूनेई की धरती पर कदम रख दिया है। मंगलवार को पीएम मोदी ने ब्रूनेई और सिंगापुर के तीन दिन के दौरे की शुरुआत की। ब्रूनेई की राजधानी बंदर सेरी बेगावान पहुंचने पर पीएम मोदी का क्राउन प्रिंस ने भव्य स्वागत किया। प्रिंस ने भारत के प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया। इतना ही नहीं पीएम मोदी जिस होटल में ठहरे थे, उसके बाहर प्रवासी भारतीयों ने जमकर ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए।

ब्रूनेई की यात्रा के साथ ही पीएम मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने इस मुस्लिम देश का दौरा किया है। भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत, पीएम मोदी का यह दौरा रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह यात्रा भारत के हिंद-प्रशांत महासागर में उपस्थिति को और भी मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

भारत और ब्रूनेई के रिश्तों में नया अध्याय

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रूनेई के सुल्तान और शाही परिवार के साथ बैठकों के लिए अपनी उत्सुकता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के रिश्तों में एक नए युग की शुरुआत होने की संभावना है। भारत और ब्रूनेई के बीच राजनीतिक संबंधों की शुरुआत 40 साल पहले हुई थी, और अब इनका एक नया अध्याय शुरू होने वाला है।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रुनेई यात्रा से हमारे दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान जैसे सभी क्षेत्रों में सहयोग और मजबूत होगा।

मंत्रालय ने बताया कि ब्रुनेई पहुंचते ही प्रधानमंत्री मोदी ने वहां भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान एक छोटी बच्ची ने पीएम मोदी को अपना स्केच भेंट किया, जिस पर उन्होंने अपना ऑटोग्राफ दिया।

सिंगापुर में अहम मुलाकातें

प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को सिंगापुर के लिए रवाना होंगे। सिंगापुर में पीएम मोदी राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरतनम, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, वरिष्ठ मंत्री ली सीन लूंग और सेवानिवृत्त वरिष्ठ मंत्री गोह चोक टोंग से मुलाकात करेंगे। इस दौरे के दौरान भारत और सिंगापुर के बीच कई महत्वपूर्ण साझेदारियों की घोषणा हो सकती है। यात्रा के पहले, पीएम मोदी ने कहा कि इस दौरे से न केवल दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को नया आयाम मिलेगा, बल्कि आसियान देशों के साथ भी भारत के संबंध और साझेदारी नई ऊंचाई पर पहुंचेंगे।

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