नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर मानहानि के मामले में सोमवार को पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दे दी गई है. मीटू कैंपेन के तहत प्रिया रमानी ने एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. हालांकि प्रिया रमानी के अलावा भी तमाम महिलाओं ने एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. वहीं एमजे अकबर ने इसके विरोध में रमानी पर मानहानि का मुकदमा कर दिया जिसके बाद एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने रमानी को तलब किया था.
पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिलने के बाद प्रिया रमानी ने कहा कि ‘सत्य ही उनका ढाल है’ और वह जल्दी ही कोर्ट को अपनी कहानी बताएंगी. रमानी ने कहा, ‘अगली तारीख दस अप्रैल की है. उस दिन मेरे खिलाफ चार्ज लगाया जाएगा. इसके बाद मुझे मौका मिलगा कि मै अपनी बात कोर्ट के सामने रख सकूं. मेरा सच मेरा बचाव करेगा.’
बता दें, MeToo खुलासे के तहत कई महिला पत्रकारों द्वारा यौन शोषण का आरोप झेल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था.
हालांकि यौन शोषण के आरोप के चलते एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी एमजे अकबर को निलंबित कर दिया था. इसके लिए गठित एक्ज़ीक्यूटिव कमेटी के सदस्यों का मानना था कि एमजे अकबर की सदस्यता को तब तक के लिए खत्म कर देना चाहिए जब यौन शोषण के मामले में कोई फैसला नहीं आ जाता.’