संसद में पारित महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग को लेकर तमिलनाडु की सत्ता पर काबीज DMK पार्टी ने रविवार को चेन्नई में महिला अधिकार सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बेटी प्रियंका गांधी भी शामिल हुई। सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने अपने पिता की हत्या का जिक्र किया और भावुक हो गई। इस दौरान उन्होंने उस बात का भीजिक्र किया कि कैसे वह 19 साल की उम्र में पहली बार तमिलनाडु अपने पिता का पार्थिव शरीर लेने आई थी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की घटना का जिक्र करते हुए कहा, “लगभग बत्तीस साल पहले, मेरे जीवन की सबसे अंधेरी रात में, मैंने पहली बार अपने पिता के क्षत विक्षत हुए शरीर को लेने के लिए तमिलनाडु की इस भूमि पर कदम रखा था। मैं उन्नीस साल की थी जबकि मेरी मां आज मेरी जितनी उम्र है उससे कुछ ही साल छोटी थीं, जैसे ही विमान का दरवाजा खुला रात ने हमें अपने घेरे में ले लिया।
लेकिन मैं इससे नहीं डरी क्योंकि सबसे दुखद बात यह थी कि वह घटना पहले ही हो चुकी थी जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। कुछ घंटे पहले, मेरे पिता की हत्या कर दी गई थी। मैं उस रात अपनी मां के पास यह जानते हुए भी चली गई थी कि जो शब्द मैं बोलने वाली हूं, उससे उनका दिल टूट जाएगा। फिर भी मैंने उनसे बात की और मैंने देखा कि उनकी आंखों से खुशी की रोशनी हमेशा के लिए बुझ गई।”
हम विमान की सीढ़ियों से नीचे मीनांबकम हवाई अड्डे के टर्मिनल की ओर चले हैरान और अकेले फिर अचानक, नीली साड़ी पहने महिलाओं की भीड़ ने हमें घेर लिया वे हवाईअड्डे पर काम करने वाली महिलाएं थीं, उन्होंने मेरी मां को अपनी बाहों में जकड़ लिया और उनके साथ ऐसे फूट-फूटकर रोई जैसे कि वे सभी मेरी मां हों, जैसे कि उन्होंने भी अपने प्रिय को खो दिया हो। उन साझा आंसुओं ने मेरे दिल और तमिलनाडु की महिलाओं के बीच एक ऐसा बंधन बन गया जिसे मैं न तो समझा सकती हूं, न ही कभी मिटा सकती हूं।
हालांकि जब प्रियंका अपने पिता के हत्या की घटना का जिक्र कर रही थी उस वक्त सोनिया गांधी भी वहीं मौजूद थी। अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि आप मेरी मां हैं, आप मेरी बहनें हैं और मैं आज यहां आकर सम्मानित महसूस कर रही हूं। आपसे भारत की महिलाओं के बारे में बात करने का अवसर मिला है। मैं यहां आपको यह याद दिलाने के लिए हूं कि हम इस गौरवशाली और खूबसूरत राष्ट्र की ताकत हैं जो हमारी मातृभूमि है।”
बता दें कि 1991 में देश में आम चुनाव हो रहा था। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 21 मई 1991 को अपनी पार्टी के प्रचार के लिए तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान लिट्टे के आतंकियों ने उन्हें माला पहनाने के बहाने उनकी हत्या कर दी।