कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी का हाथ छोड़ दिया है। इसके साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र की दिग्गज पार्टी शिवसेना के साथ जाने का फैसला कर लिया है। शुक्रवार दोपहर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस छोड़ने और शिवसेना ज्वाइन करने से पहले बहुत मंथन किया। मैं अपने उन सभी बयानों की जिम्मेदार हूं, जो मैंने कांग्रेस में रहते हुए दिए। लेकिन अब कांग्रेस मेरी पार्टी नहीं है। मेरे बयान कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते थे, मेरा नहीं।
प्रियंका चुतर्वेदी काफी दिनों से कांग्रेस से नाराज चल रही थीं। इस बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल से सवाल किया गया, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार करते हुए सिर्फ इतना कहा कि ये उनके और कांग्रेस पार्टी के बीच की बात है।
बीते 17 अप्रैल को उन्होंने अपनी नाराजगी ट्विटर पर जाहिर भी की थी। अब कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद प्रियंका ने ट्विटर हैंडल का बायो में बदल दिया है। उन्होंने अपने बायो से ‘कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता’ की डिटेल हटा दी है। साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस्तीफा भेजा है। साथ ही अपने समर्थकों को धन्यवाद अदा किया है।
प्रियंका चतुर्वेदी ने बयां किया था दर्द
उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, ‘यह दुखद है कि कांग्रेस में गुंडों को तवज्जो दी जा रही है, जबकि जो लोग पार्टी के लिए खून-पसीना बहा रहे हैं, उन्हें अनदेखा किया जा रहा है। जिन लोगों ने मुझे धमकी दी, पार्टी ने उन्हें वापस बुलाया लिया।’ इसके साथ ही उन्होंने यूपी कांग्रेस का वह पत्र भी शेयर किया, जिसमें आरोपी कार्यकर्ताओं को माफ करके पार्टी में दोबारा बुला लिया गया था।
बता दें कि प्रियंका चतुर्वेदी कांग्रेस का बड़ा महिला चेहरा रही हैं। पार्टी की ओर से उन्होंने हमेशा बीजेपी पर जोरदार हमला किया है। हाल में जब केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की डिग्री की बात सामने आई, तो भी उन्होंने बीजेपी और स्मृति पर जोरदार वार किए थे।