दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर आज कांग्रेस की तरफ से ‘शांति मार्च’ का आयोजन किया गया. इस मार्च में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुई. ये मार्च गांधी स्मृति की तरफ जा रहा था. जनपथ पर इसे रोक दिया गया. जनपथ पर ही प्रियंका गांधी धरने पर बैठ गईं. उन्होंने कहा कि हम गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि दिल्ली में अमन कायम हो.
Delhi: Congress leaders and workers participating in 'peace march' stopped at Janpath Road. They were heading towards Gandhi Smriti. pic.twitter.com/LSaAAhmTo6
— ANI (@ANI) February 26, 2020
प्रियंका गांधी ने कहा, ”हम चाहते हैं कि सरकार एक्शन ले और लोगों की मदद करें लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने में नाकाम हुई है. हम चाहते हैं कि जिसके घर जलाए गए हैं उसकी मदद हो.” उन्होंने लोगों से अपील की कि उन घरों में जाएं जहां दुख और पीड़ा हुआ है. कांग्रेस महासचिव ने कहा, ”हमारा कर्तव्य है कि देश को जागरुक बनाए. हमारा धर्म अहिंसा और प्रेम है. हिंसा से सिर्फ और सिर्फ हमारी ही नुकसान होगा. हिंसा की राजनीति बंद हो.”
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शांति मार्च में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। प्रियंका के अलावा मार्च में हिस्सा लेने वाले अन्य वरिष्ठ नेताओं में मुकुल वासनिक, के सी वेणुगोपाल, पी एल पुनिया, रणदीप सुरजेवाला, राजीव गौडा, शक्ति सिंह गोहिल, अजय सिंह लल्लू (उत्तरप्रदेश कांग्रेस प्रमुख), मणिशंकर अय्यर, सुष्मिता देव, कृष्णा तीरथ और सुभाष चोपड़ा शामिल थे।
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पार्टी के मुख्य कार्यालय 24 अकबर रोड से तीस जनवरी मार्ग स्थित गांधी स्मृति तक मार्च शुरू हुआ। बहरहाल गांधी स्मृति पहुंचने से पहले ही नेताओं को पुलिस ने रोक दिया। वे बैरीकेड से जाम किए गए मार्ग पर ही बैठ गए और महात्मा गांधी के प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ गाने लगे।
राष्ट्रीय राजधानी में रविवार से जारी हिंसा के परिप्रेक्ष्य में मार्च निकाला गया। एकता का संदेश देते हुए कांग्रेस के सदस्यों के हाथों में पोस्टर था जिस पर लिखा था — ‘‘आज हमारा एक ही नारा, नहीं बंटे समाज हमारा।’’