केरल के वायनाड जिले में आई भयावह बाढ़ के बाद से स्थिति काफी गंभीर हो गई है। लाखों लोग अपनी जिंदगी के लिए जूझ रहे हैं और राहत कार्य में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। प्रियंका गांधी, जो वायनाड से सांसद हैं, लगातार इस मुद्दे पर सक्रिय हैं और उन्होंने केरल के इस संकट से उबारने के लिए सरकार से बड़े पैमाने पर मदद की मांग की है। बुधवार को प्रियंका गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और वायनाड के लिए 2221 करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की।
प्रियंका ने पेश किया 2221 करोड़ का पैकेज
प्रियंका गांधी ने इस मुलाकात के दौरान गृह मंत्री से वायनाड के लिए रिलीफ फंड की सख्त मांग की। प्रियंका ने कहा कि बाढ़ के कारण वायनाड में भारी तबाही हुई है। राहत कार्यों को गति देने और पुनर्वास के लिए तुरंत फंड जारी करना जरूरी है। प्रियंका ने कहा कि गृह मंत्री ने उन्हें सकारात्मक आश्वासन दिया है और इस पर लगातार काम करने का भरोसा दिलाया है।
मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने गृह मंत्री से वायनाड की गंभीर स्थिति को लेकर बात की और उन्हें इस संकट का पूरा विवरण दिया। हमें यकीन है कि सरकार इस दिशा में जल्दी कदम उठाएगी।” प्रियंका गांधी के साथ इस मुलाकात में 21 और सांसद भी शामिल थे, जिन्होंने वायनाड के लिए विशेष पैकेज की मांग का समर्थन किया।
राहत कार्यों के लिए केंद्रीय मदद की मांग
प्रियंका गांधी ने यह भी बताया कि इस बाढ़ से प्रभावित इलाके में राहत कार्यों के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि केरल सरकार ने भी पहले वायनाड में आई बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अपील की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने उसे ठुकरा दिया था। प्रियंका का मानना है कि बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए बिना, वहां राहत और पुनर्वास का काम आसान नहीं होगा।
प्रियंका ने यह भी कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें वायनाड के लिए मदद की सख्त मांग की गई है। उनके मुताबिक केंद्र सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और शीघ्र ही जरूरी कदम उठाने चाहिए।
केरल सरकार और प्रियंका गांधी की चिंताएं
प्रियंका गांधी के मुताबिक, जुलाई और अगस्त के महीनों में वायनाड में आई बाढ़ ने काफी जानमाल का नुकसान किया था। बाढ़ के कारण लगभग 400 लोगों की मौत हो चुकी है, और यह आंकड़ा सरकार के द्वारा भी कंफर्म किया गया है। केरल सरकार ने इस विनाशकारी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए केंद्र से दो हजार करोड़ रुपए की मांग की थी, ताकि राहत और पुनर्वास कार्य को प्रभावी तरीके से चलाया जा सके।
हालांकि केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से इंकार कर दिया, जिससे राज्य सरकार की मुश्किलें और बढ़ गईं। इस फैसले से केरल सरकार ने नाराजगी जताई थी, क्योंकि राष्ट्रीय आपदा घोषित होने से राज्य को ज्यादा फंड और राहत मिल सकती थी, जिससे राहत कार्यों में आसानी होती।
प्रधानमंत्री, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का दौरा
वायनाड में बाढ़ के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कई प्रमुख नेता दौरे पर जा चुके हैं। इन नेताओं ने बाढ़ को एक बड़ी त्रासदी करार दिया और इसे राज्य के लिए एक गंभीर संकट माना। प्रधानमंत्री मोदी ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों के लिए केंद्र की ओर से मदद देने का भरोसा दिया।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी वायनाड में बाढ़ के कारण हुए नुकसान को देखा और स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी परेशानियों को समझा। प्रियंका गांधी ने इस दौरान स्थानीय प्रशासन और सरकार से मांग की कि इस संकट को जल्द हल किया जाए और प्रभावित लोगों को राहत दी जाए।
वायनाड में बाढ़ के बाद की स्थिति
वायनाड जिले में बाढ़ ने करीब 400 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और हजारों लोग बेघर हो गए। बाढ़ ने सैकड़ों घरों को पूरी तरह से तबाह कर दिया और खेतों को भी बर्बाद कर दिया। कृषि, सड़कें, बिजली और जल आपूर्ति जैसी बुनियादी सेवाओं पर भी बुरा असर पड़ा है।
लोगों की जिंदगी तबाह हो गई है और उन्हें जल्दी से जल्दी राहत चाहिए। ऐसे में प्रियंका गांधी ने वायनाड के लिए बड़े पैमाने पर पैकेज की मांग की है ताकि वहां राहत कार्यों को तेज किया जा सके और प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके। प्रियंका गांधी का कहना है कि यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह मानवता का सवाल है।
वायनाड के लिए आगे का रास्ता
प्रियंका गांधी का यह कदम राज्य और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए है ताकि वायनाड के लिए विशेष पैकेज को मंजूरी दी जाए। प्रियंका गांधी और उनके समर्थक वायनाड के लोगों के लिए हर संभव मदद देने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उनका जीवन जल्द से जल्द सामान्य हो सके। अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और वायनाड को जल्दी राहत मिल पाती है या नहीं।