खूब निभाया हिंदू रानी से किया वादा, 300 साल से नहीं बनी मस्जिद

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एक ऐसी भी जगह है जहां आज तक एक भी मस्जिद नहीं बन सकी. ऐसा भी नहीं है कि अभी तक मस्जिद बनाने का कोई प्रयास न किया गया हो. मस्जिद बनाने के कई प्रयास हुए लेकिन सफलता किसी के हाथ नहीं लगीं. रानी की सराय नामक इस शहर को मेहनगर के राजा रहे हरिवंश सिंह गौतम की पत्नी रानी रतन ज्योति कुंवर ने बसाया था.

रानी रतन ज्योति ने बसाया था शहर

इस शहर में रहने वाले लोग कहते है कि रानी रतन ज्योति कुंवर धार्मिक मानयता को मानने वाली स्त्री थी. रानी की शादी के कुछ दिनों बाद ही राजा हरिवंश सिंह गौतम का झुकाव इस्लाम धर्म की तरफ होने लगा. रानी रतन ज्योति कुंवर को यह बात नागवार गुजरी. उन्होंने राजा से 52 एकड़ की जमीन अपने नाम कराई और उसके बाद वो रानी की सराय में आकर रहने लगी. रानी की सराय को पहले सेठवल के नाम से जाना जाता था.

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रानी रतन ज्योति कुंवर ने राजा हरिवंश सिंह गौतम के सामने एक शर्त और रखी की ‘रानी की सराय’ में कभी भी कोई मस्जिद न बनाई जाए. राजा इसके लिए राजी हो गाए. रानी के नाम जो वसीयत लिखी गई उसमें यह लिखा गया कि सेठवल में कोई मस्जिद, मकबरा या इमामबाड़ा नहीं बनाया जा सकता है.

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1629 में करवाया था मंदिर का निर्माण

हिंदू देवी देवताओं में आस्था रखने वाली रानी रतन ज्योति कुंवर ने रानी की सराय में हनुमान मंदिर, सराय, पोखरा और कुआं बनवाया था. साल 1629 में निर्मित इन पोखरों और हनुमान मंदिर को देखने दूर दूर से लोग आते है.

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गांव के लोग बताते है कि ऐसा नहीं है कि किसी ने आज तक मस्जिद बनाने की कोशिश नहीं करी. कई लोगों ने रानी की सराय में मस्जिद का निर्माण कराना चाहा लेकिन गांव वालो के विरोध के सामने और वसीयतनामे में लिखी आपत्ति के कारण उन्हें पीछे हटना पड़ा.

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