आज सुबह से ही दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों के बीच बवाल जारी है। किसानों ने नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर तैनात बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं, और अब वे अपनी मांगों के साथ दिल्ली की ओर बढ़ते जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा रोकने की तमाम कोशिशों के बावजूद किसानों का जोश ठंडा नहीं हुआ है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है, लेकिन किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।
किसान संगठनों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च, मुआवजा और लाभ की मांग
भारतीय किसान परिषद (BKP) समेत कई किसान संगठन, केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों के तहत उचित मुआवजा और लाभ की मांग कर रहे हैं। ये प्रदर्शनकारी किसान नोएडा से दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। 2 दिसंबर से शुरू हुआ यह मार्च 6 दिसंबर तक जारी रहेगा, जब बाकी किसान संगठन भी दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। किसानों का मुख्य उद्देश्य संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अपनी आवाज़ को बुलंद करना है, ताकि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से ले।
सुरक्षा का कड़ा घेरा, दिल्ली पुलिस ने बढ़ाई चौकसी
दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। चिल्ला बॉर्डर, नोएडा और दिल्ली के अन्य प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। डीएनडी, महामाया फ्लाईओवर, और कालिंदी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है, ताकि प्रदर्शनकारी आगे न बढ़ सकें। इसके अलावा, पूरे इलाके में ड्रोन से निगरानी भी की जा रही है।
बीएनएस धारा 163 लागू, पुलिस कर रही सख्त चेकिंग
सुरक्षा व्यवस्था को सख्त बनाने के लिए दिल्ली पुलिस ने बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी है, जिससे बिना अनुमति के कोई भी बड़ी भीड़ दिल्ली की ओर नहीं जा सकेगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूरे इलाके में पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, साथ ही सीमाओं पर सीएपीएफ और स्थानीय पुलिस भी मौजूद हैं।
किसानों ने जताई सरकार से शर्त, वापस जाने की दी बात
प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस के द्वारा वापस जाने की सलाह को ठुकरा दिया और कहा कि वे अपनी मांगों के समाधान के बाद ही वापस लौटेंगे। उनका कहना है कि अगर सरकार उनकी सभी मांगें मानती है तो वे अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे। फिलहाल, प्रदर्शनकारी किसान नोएडा में पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़कर आगे बढ़ रहे हैं और दिल्ली की ओर बढ़ते हुए अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं।
किसानों की मांगों का समाधान न होने तक जारी रहेगा विरोध
किसान संगठनों का कहना है कि सरकार ने पिछले कई महीनों से उनकी मांगों का गंभीरता से कोई समाधान नहीं किया है, और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।