नई दिल्ली। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों की खबर ने पूरे देश की राजनीतिक व्यवस्था को उतल-पुथल करके रख दिया है। आमजन के गुस्से और शहीदों को याद रखते हुए भारत ने भी पाकिस्तान और आतंकी संगठनों के खिलाफ जवाबी कार्यवाही करने का मन बनाया है। अब इस जवाबी कार्यवाही की खबर आते ही हर जगह अटकलें लगना शुरू हो गई हैं और जवाबी कार्यवाही की खबर आते ही अटकलें लग ना जायज भी है। क्योंकि अगर आम जन के गुस्से की बात माने तो यही ठीक भी रहेगा। अन्यथा देश की आंतरिक व्यवस्था और अधिक गड़बड़ आने का खतरा मंडराने लगेगा। शायद से भारत की इस जवाबी कार्यवाही से पाकिस्तान और उसकी धरती पर पल रहे आतंकियों और उसके संगठनों को मुंह तोड़ जवाब भी मिलेगा। जवाबी कार्यवाही के चलते नियंत्रण रेखा पर भारतीय सशस्त्र बलों की हलचल बढ़ गई है। वैसे सुरक्षा से संबंधित विशेषज्ञों की बात माने तो पाकिस्तान द्वारा की गई इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सरकार को सीमा पार सीमित हमला करने पर विशेष रूप से जोड़ देना चाहिए।
पूर्ण युद्ध से बचने की कोशिश
वैसे तो भारतीय सेना हरदम युद्ध के लिए खुद को तैयार रखती है लेकिन अगर इस बार भी भारत के पास पूर्ण रूप से युद्ध नहीं करने का विकल्प है तो शायद से वह ठीक रहेगा। भारत के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के कथनों को समझें तो भारत जमीन पर ही छोटे हमलों को लेकर जवाबी कार्यवाही का बिगुल बजा सकता है। विकल्पों के साथ ही लोगों की अटकलें इस बार भी सर्जिकल स्ट्राइक की तरफ है। लेकिन शायद से स्ट्राइक का फिर से दोहराना नजर नहीं आ रहा है। पूर्ण रूप से युद्ध करने से बचने के लिए भारत, पाकिस्तान की हवाई सीमा में घुसे बिना ही अपने लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर आतंकी और उसके संगठनों का जड़ से सफाया कर सकता है।
दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता
जाहिर है कि भारत में आतंकी हमले के चलते जवाबी कार्यवाही करने का मन बनाया है। लेकिन ऐसी कार्यवाही करने के लिए राजनीतिक तौर पर दृढ़ इच्छाशक्ति होना बहुत ही आवश्यक है। जिस तरह से देश भर में लोकसभा 2019 के चुनावों की तैयारी चल रही है। अब जानना यह जरूरी है कि चुनावी माहौल में भी क्या सत्ता पक्ष इस तरह का रिस्क लेकर जनता के साथ चलने की तैयारी में है।
सोच समझकर होगी कार्यवाही
विशेष तौर पर पूरी जवाबी कार्यवाही को समझने के बाद यह तर्क निकलता है कि भारत को बहुत सोच-समझकर जवाबी कार्यवाही करनी है। जिसका अंदाजा सैन्य अधिकारियों की इस बात से लगाया जा सकता है कि इस बात का खास ख्याल रखा जाए हमारे हमले का निशाना सिर्फ आतंकी और उनका संगठन बने ना कि कोई पाकिस्तानी नागरिक।