उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक मुस्लिम युवक ने बड़ा मठ में धोखे से दीक्षा लेने की कोशिश की। युवक ने अपने आपको कश्मीरी हिंदू बताकर संतों को विश्वास दिलाने की कोशिश की। उसने दावा किया कि वह देशाटन पर निकला है और महाराष्ट्र के संतों ने उसे यहां दीक्षा लेने के लिए भेजा है।
संतों को हुआ शक
15 सितंबर की रात करीब आधा घंटे तक मठ में रहने के बाद संतों को युवक पर संदेह हुआ। जब संतों ने उससे पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा, तो उसने मुश्किल से अपना ड्राइविंग लाइसेंस पेश किया, जिसमें नाम ‘मो. सलीम’ लिखा था। इस पर संतों ने तुरंत पुलिस को सूचना देने का फैसला किया।
पुलिस के आने से पहले ही भागा
स्वामी दिव्यानंद महाराज ने बताया कि आरोपी साधु के वेष में वहां पहुंचा और दीक्षा की मांग की। उसे मठ में भोजन भी कराया गया, लेकिन पहचान पत्र दिखाने के बाद शक बढ़ गया। पुलिस को सूचना देने से पहले ही युवक वहां से फरार हो गया।
युवक की पहचान
संतों के मुताबिक, युवक ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी और सफेद कुर्ते के ऊपर भगवा चोला पहना हुआ था। उसके दाहिने हाथ में रुद्राक्ष की माला थी और बाएं हाथ में टैटू बना हुआ था। हालांकि, पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यह मामला कई सवाल खड़े करता है, जैसे कि युवक का असली इरादा क्या था और वह मठ में क्यों आया था। यह घटना सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी चिंताजनक है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस पर क्या कार्रवाई करती है।
इस घटना ने एक बार फिर से धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है, और संतों ने भी इस मामले में सतर्कता बरतने की बात कही है।