कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दलित एवं आदिवासी समूहों के भारत बंद को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने मेठी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को लेकर जनता से झूठ बोला है. राहुल गांधी ने दावा किया कि उन्होंने साल 2010 में इसी हथियार कारखाने का शिलान्यास किया था और वहां कई साल से छोटे हथियारों का उत्पादन चल रहा है । राहुल गांधी ने दलित एवं आदिवासी समूहों का समर्थन करते हुए एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि हमारे आदिवासी और दलित भाई-बहन संकट में हैं. प्रधानमंत्री की झूठी कसमों और झूठे वादों ने आज उन्हें सड़कों पर उतरने को मजबूर कर दिया है. उनके जंगल और जीवन के अधिकार पर निरंतर हमला हुआ है. वन अधिकार छीने जाने से संवैधानिक आरक्षण में छेड़छाड़ से. मैं पूरी तरह से उनके साथ हूं. बता दें कि देश के दलित और आदिवासी संगठनों ने विश्वविद्लयों में 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम की जगह 13 प्वाइंट रोस्टर लागू किए जाने के खिलाफ व कई अन्य मांगों को लेकर भारत बंद का आह्वान किया है.
गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में आज आदिवासी समूहों ने भारत बंद का आह्वान किया है. सुप्रीम कोर्ट के आदिवासियों और वनवासियों को उनके आवास से बेदखल करने के फैसले से राहत देने के हालिया आदेश के बावजूद आदिवासी समूहों ने मंगलवार को भारत बंद के फैसले पर कायम रहने का फैसला किया है. आदिवासी इस राहत को फौरी मान रहे हैं और उनका मानना है कि वन अधिकार अधिनियम के तहत उचित कानून की गैरमौजूदगी में इसे कभी भी पलट दिया जाएगा. आदिवासी समूह यह मांग कर रहे हैं कि केंद्र उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए अध्यादेश लाए.
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भी भारत बंद का समर्थन करेंगे. इसके अलावा राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिन) ने भी भारत बंद के समर्थन का निर्णय लिया है. बता दें कि भारत बंद की प्रमुख मांगों में उच्च शिक्षण संस्थानों की नियुक्तियों में 13 प्वाइंट रोस्टर की जगह 200 प्वाइंट रोस्टर लागू करने, शैक्षणिक व सामाजिक रूप से भेदभाव, वंचना व बहिष्करण का सामना नहीं करने वाले सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान रद्द करने, आरक्षण की अवधारणा बदलकर संविधान पर हमले बंद करने, देश भर में 24 लाख खाली पदों को भरने, लगभग 20 लाख आदिवासी परिवारों को वनभूमि से बेदखल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरी तरह निरस्त करने के लिए अध्यादेश लाने, पिछले साल 2 अप्रैल के भारत बंद के दौरान बंद समर्थकों पर दर्ज मुकदमे व रासुका हटा कर उन्हें रिहा करने आदि मांगें शामिल हैं.
सूत्रों ने बताया है कि केंद्र सरकार 13-सूत्री रोस्टर को लेकर अध्यादेश लाने की तैयारी में है. पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की अंतिम कैबिनेट बैठक में 7 मार्च को इस पर फैसला लिया जा सकता है. इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 13 प्वाइंट रोस्टर को लेकर कि हमारे यहां 200 प्वाइंट रोस्टर की एक व्यवस्था है, जिसमें विश्वविद्यालय को एक यूनिट माना गया है लेकिन कोर्ट ने इसके खिलाफ फैसला लिया है और विभागवार रोस्टर के निर्देश दिए हैं. हम (सरकार) इस स्थिति से कभी सहमत नहीं थे, तो हमें कोर्ट में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की जो कि अब खारिज हो चुकी है.