राहुल गांधी का ‘लाल संविधान’ मामला: बीजेपी ने कहा, यह किताब नहीं, सिर्फ कोरा कागज

बीजेपी और कांग्रेस के बीच ताजा राजनीतिक बयानबाजी एक नए मुद्दे पर जोर पकड़ चुकी है। यह मामला राहुल गांधी द्वारा हाल ही में ‘संविधान की किताब’ लहराए जाने से जुड़ा हुआ है। बीजेपी ने राहुल गांधी पर तगड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने जिस किताब को संविधान के रूप में दिखाया, वह असल में खाली पन्नों से भरी हुई थी, न कि संविधान की कोई असली किताब। बीजेपी का दावा है कि यह किताब केवल “पाखंड” का प्रतीक है, और यह कांग्रेस के खोखले नेतृत्व को उजागर करता है।

बीजेपी का हमला: यह संविधान नहीं, खाली कागज है

बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर तीखे आरोप लगाए हैं। प्रेम शुक्ला ने कहा कि राहुल गांधी ने जिस किताब को संविधान के रूप में लहराया, वह असल में केवल “कोरे पन्नों का पुलिंदा” था। शुक्ला ने कांग्रेस के नेतृत्व पर हमला करते हुए कहा कि यह उसी तरह से है जैसे राहुल गांधी की राजनीति में कोई ठोस आधार नहीं है।

प्रेम शुक्ला ने आगे कहा, “राहुल गांधी का यह पाखंड अब सामने आ गया है। वह जिस किताब को संविधान समझ रहे थे, वह वास्तव में खाली पन्नों से भरी हुई थी। इस किताब में संविधान से संबंधित कोई भी सामग्री नहीं थी। यह सिर्फ कांग्रेस के खोखलेपन को दर्शाता है।”

फडणवीस ने ‘अर्बन नक्सल’ का आरोप लगाया

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोल्हापुर में एक कार्यक्रम के दौरान इस मुद्दे को उठाया और राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी और उनके चारों ओर जो लोग हैं, वे अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। यह लाल संविधान दरअसल राहुल गांधी के ‘अर्बन नक्सल’ मानसिकता का प्रतीक है। यह वही लोग हैं जो नक्सल विचारधारा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं।”

फडणवीस ने यह भी कहा कि राहुल गांधी का यह कदम कांग्रेस पार्टी में नक्सलवादी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए किया गया है, और यह भारतीय संविधान के मूल्यों के खिलाफ है।

कांग्रेस का जवाब: बीजेपी का ध्यान भटकाने की कोशिश

बीजेपी के इन आरोपों के बाद कांग्रेस ने फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है, हालांकि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने बीजेपी पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे “ध्यान भटकाने की कोशिश” करार दिया है। कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी का उद्देश्य सिर्फ संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करना था, और बीजेपी इसे गलत तरीके से पेश कर रही है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि बीजेपी के इस तरह के आरोप उनके मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश है।

कांग्रेस का रुख और भविष्य में आने वाली प्रतिक्रिया

कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी का संदेश संविधान के प्रति आदर और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देना था। हालांकि, बीजेपी इस मुद्दे को नए सिरे से उछाल कर कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस इस पर जल्द ही अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी कर सकती है।

राहुल गांधी के संविधान के प्रति आदर को लेकर बीजेपी द्वारा किए गए आरोपों ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। यह मामला अब न केवल संविधान की वास्तविकता पर सवाल उठाता है, बल्कि राजनीतिक एजेंडों और बयानबाजी की दिशा को भी प्रभावित करेगा।

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