UP: लखनऊ कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर ₹200 का जुर्माना लगाया, वीर सावरकर पर की थी टिप्पणी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक अदालत ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर ₹200 का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना उनकी लगातार पेशी से गायब रहने के कारण लगाया गया है। अदालत ने राहुल गांधी को 14 अप्रैल 2025 को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश भी दिया है। अगर वह इस तारीख को कोर्ट में पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।


क्या है पूरा मामला?

यह मामला वर्ष 2022 का है, जब राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीर सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशन लेने वाला’ कहा था। इस टिप्पणी के बाद वकील नृपेंद्र पांडेय ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी ने समाज में वैमनस्य और द्वेष फैलाने की मंशा से यह बयान दिया था।

शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडेय ने बताया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले से तैयार पम्पलेट भी पत्रकारों के बीच बांटे गए थे। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राहुल गांधी को समन जारी किया था।


कोर्ट ने क्या कहा?

अदालत ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद कहा कि राहुल गांधी का बयान समाज में घृणा और वैमनस्य फैलाने वाला था। यह भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत दंडनीय अपराध है। अदालत ने राहुल गांधी को 14 अप्रैल 2025 को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया है। अगर वह इस तारीख को कोर्ट में पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता है।


राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर क्या कहा गया?

5 मार्च 2025 को सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की ओर से उनके वकील प्रांशु अग्रवाल ने अदालत में एक अर्जी दाखिल की। इसमें कहा गया कि राहुल गांधी संसद में विपक्ष के नेता हैं और उनके पास एक विदेशी गणमान्य व्यक्ति से मुलाकात का पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम था। इसके अलावा अन्य आधिकारिक कार्यों में व्यस्तता के चलते वह अदालत में उपस्थित नहीं हो पाए।

हालांकि, अदालत ने राहुल गांधी की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए उन पर ₹200 का जुर्माना लगाया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर राहुल गांधी 14 अप्रैल को कोर्ट में पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


शिकायतकर्ता का पक्ष

शिकायतकर्ता वकील नृपेंद्र पांडेय ने अदालत में दलील दी कि राहुल गांधी बार-बार समन के बावजूद पेश नहीं हो रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी की ओर से पेश हाजिरी माफी की अर्जी का विरोध किया और कहा कि कोर्ट को उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

नृपेंद्र पांडेय ने कहा कि राहुल गांधी का बयान समाज में वैमनस्य फैलाने वाला था और यह भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत दंडनीय अपराध है। उन्होंने कोर्ट से राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।


राहुल गांधी की टिप्पणी पर विवाद

राहुल गांधी ने दिसंबर 2022 में महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीर सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ और ‘पेंशन लेने वाला’ कहा था। इस टिप्पणी के बाद राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बड़ा विवाद छिड़ गया। कई लोगों ने राहुल गांधी की टिप्पणी की निंदा की और इसे ऐतिहासिक व्यक्तित्व का अपमान बताया।

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