महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में “फिक्सिंग” के आरोपों ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। कांग्रेस के बड़े नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए, तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन पर ताबड़तोड़ हमला बोला। BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल को जमकर खरी-खोटी सुनाई। राहुल के बयानों को BJP ने हताशा और झूठ का पुलिंदा करार दिया। आइए, जानते हैं पूरा मामला।
नड्डा का तंज: राहुल का झूठ और हताशा का खेल
जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल का ताजा बयान उनकी बार-बार हार की उदासी और हताशा का नतीजा है, जिसके चलते वो फर्जी कहानियां गढ़ रहे हैं। नड्डा ने पांच पॉइंट्स में राहुल की गलतबयानी का कच्चा-चिट्ठा खोला:
- राहुल की हरकतों की वजह से कांग्रेस हर चुनाव में मुंह की खा रही है।
- हार का ठीकरा फोड़ने के लिए वो अजीबोगरीब साजिश की थ्योरी बनाते हैं।
- तथ्यों और आंकड़ों को पूरी तरह नजरअंदाज करते हैं।
- बिना किसी सबूत के संस्थानों को बदनाम करने की कोशिश करते हैं।
- सच्चाई से ज्यादा सुर्खियां बटोरने की फिराक में रहते हैं।
नड्डा ने तंज कसा, “बार-बार बेनकाब होने के बावजूद राहुल बेशर्मी से झूठ फैलाते हैं। वो ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि बिहार में उनकी हार पक्की है। लोकतंत्र को नाटकबाजी की नहीं, सच्चाई की जरूरत है।”
फडणवीस की दो टूक: जमीन पर उतरो, तब समझ आएगा
महाराष्ट्र के CM देवेंद्र फडणवीस ने भी राहुल गांधी को नहीं बख्शा। नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा, “राहुल को समझना चाहिए कि सिर्फ आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा। जब तक वो जमीन पर नहीं उतरेंगे और हकीकत को नहीं समझेंगे, कांग्रेस जीत नहीं सकती।”
फडणवीस ने राहुल पर “झूठ फैलाने” का इल्जाम लगाया। उन्होंने कहा कि बार-बार सच सामने आने के बावजूद राहुल बेशर्मी से गलतबयानी कर रहे हैं। फडणवीस ने तंज कसा, “राहुल न तो खुद समझते हैं कि वो क्या बोल रहे हैं, न ही देश की जनता उनके बयानों को गंभीरता से लेती है।” उन्होंने ये भी दावा किया कि राहुल को पहले से पता है कि बिहार चुनाव में कांग्रेस हारने वाली है, इसलिए वो महाराष्ट्र जैसे राज्यों में फर्जी आरोप लगाकर ध्यान भटका रहे हैं।
धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार: राहुल की हताशा और कांग्रेस का इतिहास
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बार-बार जनता द्वारा ठुकराए जाने के बावजूद राहुल और कांग्रेस हकीकत को स्वीकार नहीं कर पा रहे। हर हार के बाद चुनाव आयोग और जनादेश को कटघरे में खड़ा करना उनकी हताशा दिखाता है।
प्रधान ने राहुल को कांग्रेस का इतिहास पढ़ने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पर सवाल उठाने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने पहले दो मुख्य चुनाव आयुक्तों को कांग्रेस में शामिल किया था। पहला नाम टीएन शेषन का, जो 1999 में गांधीनगर से लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव हारे। दूसरा एमएस गिल, जो दो बार कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा गए और केंद्रीय मंत्री भी बने। प्रधान ने सवाल उठाया, “तो क्या ये मान लें कि इनके कार्यकाल में चुनाव आयोग कांग्रेस के लिए काम करता था और बाद में उन्हें पार्टी ने ‘प्रमोशन’ दिया?”
प्रधान ने आगे कहा कि चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को “मैच फिक्सिंग” कहने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने हार के बाद सत्ता बचाने के लिए देश पर आपातकाल थोप दिया था। उन्होंने राहुल और कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा, “सत्ता में रहें या न रहें, इनकी मानसिकता देश को अपनी जागीर समझने की रही है। जीते तो लोकतंत्र, चुनाव आयोग और EVM सब ठीक। हारे तो पूरी व्यवस्था झूठी और लोकतंत्र खतरे में। लेकिन राहुल को समझ लेना चाहिए कि जनता कांग्रेस की रग-रग से वाकिफ है। उनकी झूठ की दुकान अब भारत में नहीं चलेगी।”